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आकाशवाणी के 'माटी के रंग' कार्यक्रम में कलाकारों ने जबरदस्त रंग जमाया

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27 Sep 24
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आकाशवाणी के 'माटी के रंग' कार्यक्रम में कलाकारों ने जबरदस्त रंग जमाया

नई दिल्ली। नई दिल्ली के पटेल चौक स्थित आकाशवाणी भवन के रंग भवन में आकाशवाणी की ओर से आयोजित `माटी के रंग` सांस्कृतिक संध्या में राजस्थान के नागौर जिले के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोक कलाकार दयाराम भांड और उनके दल ने करीब डेढ़ घंटे तक मनमोहक कार्यक्रम प्रस्तुत किए और राजस्थानी संगीत का जादू बिखेरा। संस्कृति मंत्रालय के युवा पुरस्कार और बिस्मिल्लाह खान पुरस्कार आदि कई पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित दयाराम भांड द्वारा एक के बाद पेश की गई शानदार प्रस्तुतियों से दर्शक मंत्र मुग्ध हो गए।

समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री राम नाथ ठाकुर थे और अध्यक्षता प्रसार भारती के अध्यक्ष  नवनीत कुमार सहगल ने की । आकाशवाणी की महानिदेशक डॉ प्रज्ञा पालीवाल गौड़ ने अतिथियों और कलाकारों का स्वागत किया।

अंतर्राष्ट्रीय लोक कलाकार दयाराम भांड ने पधारो म्हारे देस ने... से मिंबुडा.. निंबुडा जैसे लोकप्रिय राजस्थानी गीतों से समा बांध दिया। इनके साथ हारमोनियम, सारंगी, तबला, ढोलक, खड़ताल और झांझर पर साथी कलाकारों की संगत भी देखने लायक थी। 

दयाराम भांड के दिलकश गायन के साथ उनके दल की  लोक नृत्यांगनाओं ने राजस्थान के विश्व विख्यात घूमर, चरी और कालबेलिया लोक नृत्यों  से ऐसी धूम मचाई कि पूरा रंग भवन करतल ध्वनि से गुंजायमान हो गया। 

आरंभ में  केंद्रीय मंत्री ठाकुर, प्रसार भारती के अध्यक्ष नवनीत कुमार सहगल और आकाशवाणी की महानिदेशक डॉ प्रज्ञा पालीवाल गौड़ ने अन्य अतिथियों के साथ दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया ।आकाशवाणी के उद्घोषक ने अपने प्रभावी मंच संचालन से सभी का दिल जीत लिया। इस कार्यक्रम को आकाशवाणी के यू ट्यूब लाइव चैनल पर प्रसारित किया गया और दूरदर्शन द्वारा इसकी रिकार्डिंग भी की गई।


उल्लेखनीय है कि दयाराम भांड ने भारत और विदेशों में लगभग 6000 स्टेज प्रोग्राम कर अपनी परंपरागत  लोक विरासत का बेजोड़ प्रदर्शन किया है।  दयाराम भांड  ने अपने गुरु पिता उगमराज भांड से लोक संगीत की इस समृद्ध परंपरा का प्रशिक्षण प्राप्त किया था। वे पिता से विरासत में मिली इस पारंपरिक  लोक संगीत  की इस समृद्ध कला को अपने 30 वर्षों के वृहद् अनुभव और विशेषज्ञता के साथ संरक्षित करने और बढ़ावा देने में जुटे हुए हैं।


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