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बहुत बरसा ,पर बह गया

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18 Sep 24
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बहुत बरसा ,पर बह गया

इस बार प्रदेश में अनुमान से अधिक वर्षा हुई है, कँही कँही बाढ़ भी आई है, पर हम हमारे ट्यूब वेल, हैंड पंप को रिचार्ज नहीं कर पाए क्योंकि सिर्फ 8% ही ही वर्षा जल संरक्षण हो पा रहा है और यह अतिवर्षा नालियों में बह गई। हर साल करीब 3000 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी की देश को जरूरत होती है जबकि वर्षा हर साल 4000 हजार क्यूबिक मीटर होती है अर्थात 1000 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी हम बचा नहीं पाते। यह बात जल प्रेरक डॉ पी सी जैन ने महाराणा प्रताप यूनिवर्सिटी एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी के कॉलेज ऑफ़ टेक्नोलॉजी एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग में प्रवेश लेने वाले नव आगंतुक छात्र छात्रों के समक्ष उनके इंडक्शन प्रोग्राम में कही। 



जल संरक्षण के अपने प्रोग्राम को इंद्रदेव की जल जल आरती "ओम देव जल देव हरे " से प्रारंभ किया जिसमें इंद्रदेव की तस्वीर का पूजन किया। अपनी पीपीटी को प्रारंभ करते हुए उन्होंने नव आगंतुक छात्रों को अपने दैनिक जीवन में हर तरह से पानी बचाने की तरकीबै  बताइ। "जब आकाश से इतना पानी बरसे तो हम बूंद बूंद को क्यों तरसे", आकाश पानी रोकेंगे पाताल पानी बनाएंगे",  "थलकी चिंता कौन करेगा, "कल् चिंता कौन करेगा? जल की चिंता कौन करेगा ?हम करेंगे हम करेंगे, हम करेंगे। के नारे लगाकर सबसे जल बचाने का संकल्प दिलाया। जल नाटिका "अदृश्य पानी" में अभिनय कर्ताओं ने अपनी जींस की पेंट दिखाकर बताया कि इसमें 7 600 लीटर पानी, साड़ी दिखाकर 4000 लीटर, पानी, एक पेपर बताकर 10 लीटर पानी, एक गेहूं की रोटी दिखाकर 1 किलो गेहूं में 2000 लीटर पानी,एक टी शर्ट दिखाकर 700 लीटर पानी और चावल की पोटली दिखाकर चार हजार लीटर पानी खर्च होता है जो एक अदृश्य पानी है। इससे हमें पता चलता है कि हम कितना अदृश्य पानी  व्यर्थ कर देते हैं। 
दूसरी जल नाटिका" पानी की लड़ाई" में एक दिखाया कि जब एक हैंडपंप जिस में कम पानी आता है वहां पर महिलाये पानी भरने जाती है और कौन पहले भरे इस बात पर आपस में लड़ाई हो जाती है और और वह एक दूसरे को पीट देती है , इस बीच दो पुरुष भी पानी भरने आते हैं और वह बुरी तरह हैंडपंप के पास ही लड पड़ते हैं। 




तीसरी जल नाटिका" पेड़ ही जीवन है" जिसमें नृत्य के रूप में पेड़, वर्षा ,पानी , जीवन का सुंदर दृश्य दिखाया गया है। 
नाटिका की रचना जल प्रेरक डॉक्टर पीसी जैन ने की और उन्हीं के निर्देशन में नव आगंतुक निम्न छात्र-छात्राओं अंशुमन, सनी ,प्रखर कपूर,वैभव वैष्णव ,तनवी जैन, कादमबीनी, मिशिका पंचाल ,युग्वी हरकावत  ने अभिनय किया ।
उन्होंने सरकार, समाज ,स्वयंसेवी संस्थान, छात्र-छात्राओं से अपील करी कि वे अपने छत पर गिरने वाले वर्षा जल को रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग से घर में स्थित ट्यूबवेल को रिचार्ज कर आने वाले जल संकट से बचे और अपनी दिनचर्या में नियमित जल बचाएं। 
नशा मुक्ति अभियान में भी जो  लगे  हैं डॉक्टर पीसी जैन ने छात्रों को नशे से दूर रहने के 12 ऐफ की जानकारी दी और संकल्प दिलाया। 
कार्यक्रम का संचालन डॉ विक्रमादित्य दवे ए डी एस डब्लू  ने किया एवं डॉक्टर रणवीर सिंह शक्तावत प्रोग्राम ऑफिसर एन एस एस ,सी टी ए ई ने धन्यवाद ज्ञापित किया ।

 


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