उदयपुर , आयड नदी में अभी तक पूर्ण प्रवाह अर्थात "पीक फ्लो" नहीं आया है, तब भी नदी पेटे में बनाए गार्डन की मिट्टी व घास कई जगह बह गई है। नदी में बिछाई फर्शी कहीं टूटी है तो कहीं वो बैठ गई है। कुछ जगह उखड़ भी गई है।
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रविवार को झील प्रेमी डॉ अनिल मेहता, तेज शंकर पालीवाल, नंद किशोर शर्मा, द्रुपद सिंह ने नदी का दौरा किया। इस दौरान मिले बच्चों, युवाओं, बुजुर्गों ने कहा कि नदी में गार्डन, फर्शी इत्यादि बनाना गलत था। आज नही तो कल, ये पूरा खर्च व्यर्थ जाने वाला है।
सभी दुःख यही था कि "यो नी टके"। लोगों ने यह भी कहा कि
"यो कई किदो - गार्डन वेईरो गादो"।
दौरे में दिखा कि कई जगह फर्शी के नीचे व बीच का मसाला, मिट्टी बह गए है। गार्डन की मिट्टी व घास को नदी के पानी ने तहस नहस कर दिया है।
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