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आंतरिक खुशी प्राप्त करने के लिए हार्टफुलनेस कार्यशाला का आयोजन

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08 Sep 24
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आंतरिक खुशी प्राप्त करने के लिए हार्टफुलनेस कार्यशाला का आयोजन

उदयपुर , व्यक्ति को खुशी और प्रसन्नता आंतरिक रूप से खोजनी चाहिए वो प्राकृतिक रूप से हमारे हृदय में मौजूद है, जबकि हम छोटी छोटी खुशियाँ अपने बाहरी सुख सुविधाओं और दुनिया दारी के नश्वर भौतिक जगत में ढूंढते हैं।  आज व्यक्ति के पास खुद की अध्यात्मिक उन्नति के लिए समय नहीं है। यदि हम अपने हृदय की आवाज को सुन सकें तो हमारे आंतरिक गुण जैसे संतोष, खुशी, शांति, स्नेह, साहस और स्पष्टता विकसित होने लगते हैं जो जीवन में हमारा हर परिस्थिति में मार्गदर्शन करते हैं। यह कहना है एस.एम.एस.एफ, हार्टफुलनेस रिसर्च सेंटर के निदेशक प्रोफेसर मोहन दास हेगडे का। उन्होंने एम पी यू ए टी के संघटक सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय मे आयोजित कार्यशाला मे बताया कि मैसूर विश्वविद्यालय के अंतर्गत उनके मार्गदर्शन में अनेक उच्च शिक्षा प्राप्त युवा जिनमे मेडिकल साइंस, आई आई टी, आई आई एम किये प्रोफेशनल भी है वे अध्यात्मिकता पर पी एच डी उपाधि के लिए शोध कर रहे हैं। उन्होंने हैप्पीनेस को आज के हालात मे मानव मे तनाव, तनाव जनित बीमारिया, आपसी वाद विवाद, असंतोष, प्रतिस्पर्धा, डिप्प्रेशन इत्यादि से जोड़ते हुए बताया कि राजयोग आधारित हार्टफुलनेस् ध्यान पध्यति के अभ्यास से इन सब से निजात और जीवन में सफलता पायी जा सकती है। 

 


यह ध्यान पध्यति सरल और निशुल्क है जिसकी वजह से विश्व के 160 से भी अधिक देशों में इसके केन्द्र संचालित हें। कार्यक्रम मे कॉलेज के सभी विभागाध्यक्ष, फेकल्टी सदस्य, सह शेक्षणिक कर्मचारी और 100 से अधिक विधार्थी उपस्थित थे।  कार्यक्रम में हार्टफुलनेस  प्रशिक्षक डॉ सुबोध शर्मा, कार्यक्रम समंवयक् श्री मोहन बोराणा, श्रीमती मधु सिंघवी, रवि सिंघवी, हिमांशु दवे, कपिल इत्यादि का सहयोग साराहनीय रहा। 

कार्यक्रम में सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ धृति सोलंकी ने स्वागत उद्बोधन दिया और इस प्रकार की कार्यशालाओं को सहसेक्षणिक गतिविधियों में सबसे महत्व पूर्ण बताया. छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ रुपल् बाबेल ने धन्यवाद ज्ञापित किया. उन्होंने कहा कि  विधार्थियों ने हार्टफुलनेस ध्यान से प्रेरित होकर कार्य में फोकस, जीवन मे सकारात्मक दृष्टिकोण, शांति, कार्य में लगन, अनुशासन, प्रकृति से जुड़ाव, आत्मज्ञान इत्यादि संकल्प लिये जो कार्यशाला की प्रभावोत्पादकता दर्शता है.

हार्टफुलनेस के वरिष्ठ प्रशिक्षक डॉ के के सक्सेना ने बताया कि शनिवार सुबह 7 बजे हार्टफूलनेस एजुकेशन संस्थान की जोनल इंचार्ज श्रीमती मधु मेहता और प्रो मोहन दास हेगड़े के नेतृत्व में 40 अभ्यासियो 10 कारों के काफिले मे उदयपुर नगर में ईश्वरीय कृपा से भरे वातावरण के लिये प्रार्थना करते हुए एक संकल्प यात्रा निकली। यात्रा सुखाड़िया सर्कल से हाथीपोल, दिल्ली गेट, सुरजपोल, दुर्गा नर्सरी रोड, विश्वविद्यालय मार्ग, चित्रकूट नगर, शोभागपुरा होते हुए वापस सुखाड़िया सर्कल पर समाप्त हुई । डॉ सक्सेना ने बताया की ईश्वर की याद मे दिल से निकले सूक्ष्म सुझाव और प्रार्थना बेहद प्रभावशाली होती हैं, इसका प्रभाव आज नही तो कल वातावरण से वापस हम लोगो तक पहुँचता है। शाम 5 से 7 बजे सहेली नगर केन्द्र पर हार्टफुलनेस प्रशिक्षकों की कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता क्षेत्रीय प्रभारी मधु मेहता ने की, मुख्य वक्ता प्रो हेगड़े थे। 

केन्द्र समंवयक डॉ राकेश दशोरा ने बताया कि 6 दिवसीय हार्टफुलनेस फेस्ट के दौरान डॉ हेगड़े के विभिन्न संस्थाओं जैसे आई.आई.एम, एम.पी.यू.ऐ.टी, आर.एन.टी, बी एन संस्थान, आर एम वी, इत्यादि में हार्टफुलनेस कार्यशाला और व्याख्यान आयोजित किये जा रहे हैं। रविवार 8 सितंबर को शाम 5 बजे मतस्यकी महाविद्यालय में आम नागरिकों के लिये खुला सत्र "कनेक्टिंग लाइफ इन लाइफ " विषय पर हार्टफुलनेस कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा। सत्र में प्रो मोहन दास हेगड़े मुख्य वक्ता होंगे। 


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