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उदयपुर में चाकूबाजी की घटना के बाद भजनलाल सरकार का बड़ा कदम

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18 Aug 24
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उदयपुर में चाकूबाजी की घटना के बाद भजनलाल सरकार का बड़ा कदम

 

दोषियों के मन में डर पैदा करने के लिए यह कदम उठाना नितान्त जरूरी

 

शिक्षा विभाग ने भी लिया बड़ा फैसला 

अब राज्य के सभी स्कूलों में धारदार हथियार, चाकू, कैंची, छुरी तथा  किसी तरह की नुकीली वस्तु आदि लेकर आने पर पूर्णतया प्रतिबंध 

विश्व पर्यटन नक्क्षे पर अहम स्थान रखने वाली राजस्थान का कश्मीर माने जाने वाली झीलों की नगरी उदयपुर की शांति को पिछले कुछ वर्षो से किसी की नजर लग गई हैं। कन्हैया लाल टेलर  का सिर कलम करने की घटना के बाद उदयपुर में यह दूसरी बड़ी घटना हुई हैं। मामला दो छात्रों के मध्य आपसी झगड़े को लेकर था लेकिन दोनों के एक दूसरे समुदाय के होने से और चाकूबाजी की घटना ने स्थिति को बहुत गंभीर बना दिया एवं इसके बाद पूरे इलाके में तनाव हो गया। जिला प्रशासन ने तत्काल स्थिति को नियंत्रण किया है।

ड्रोन से पूरे इलाके में निगरानी की जा रही है तथा रविवार तक इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं।

 

उदयपुर में चाकूबाजी की घटना के बाद भजनलाल सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए

उदयपुर नगर निगम के माध्यम से आरोपी छात्र के गुलाब बाग के निकट खांजीपीर पर स्थित दीवान शाह कॉलोनी के घर पर बुलडोजर चलवा कर अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया है । शनिवार को भारी पुलिस जाब्ते के साथ निगम दल वहां पहुंचा एवं निगम की दो जेसीबी ने ये कार्रवाई की। इसके पूर्व सबसे पहले आरोपी पक्ष के किराए के घर को खाली करा कर  और  लाइट कनेक्शन काटा गया। निगम के आला अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। बताया गया कि  यह मकान फॉरेस्ट लैंड पर बना हुआ है।   

 

इधर उदयपुर के महाराणा भूपाल अस्पताल में  चाकू से हमले से गंभीर रूप से घायल छात्र का  इलाज जारी है। भजनलाल सरकार ने मामले की की गंभीरता को देखते हुए चार्टर प्लेन से विशेषज्ञ डाक्टरों का एक दल भी उदयपुर भेजा है।अस्पताल की इमरजेंसी यूनिट में घायल छात्र को देखने पंजाब के राज्यपाल उदयपुर  निवासी गुलाब चन्द कटारिया और स्थानीय सांसद,विधायक और अन्य नेताओं के पहुंचने का क्रम जारी है। स्थानीय लोग  हनुमान चालीसा का पाठ कर घायल छात्र के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहें  है। उदयपुर में स्कूली छात्रों के विवाद में चाकूबाजी की घटना का मामला  बिगड़ता जा रहा था और आक्रोशित भीड़ ने कई दुकानों में तोड़फोड़ और वाहनों में आगजनी भी की थी लेकिन जिला प्रशासन और पुलिस की मुस्तैदी से अब धीरे धीरे उदयपुर शहर में हालात सामान्य हो रहे है। जन्माष्टमी और रक्षा बंधन के त्यौहारों को देखते हुए प्रशासन विशेष सतर्कता बरत रहा हैं। शनिवार सुबह से शहर में जनजीवन सामान्य, सभी मार्गों पर निर्बाध आवागमन जारी है. संभागीय आयुक्त, आईजी, कलेक्टर, एसपी सहित सभी अधिकारी स्थिति पर नजर रख रहे है. शांति और सौहार्द कायम रखने के लिए 26 कार्यपालक मजिस्ट्रेट भी नियुक्त किए गए हैं। जिला मजिस्ट्रेट एवं कलेक्टर अरविन्द पोसवाल ने पूरे शहर में निषेधाज्ञा लागू कर रखी हैं ।राजकीय और निजी विद्यालयों में अवकाश कर  घोषित कर दिया है और इंटरनेट सेवाओं के स्थगित करने से अफवाहों और भ्रामक सूचनाओं के प्रसार पर भी लगाम लगी।

 

उदयपुर के इस दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम के बाद प्रदेश के शिक्षा विभाग ने राज्य सरकार की हिदायत पर एक बड़ा फैसला लिया है। भजन लाल सरकार के इस निर्णय से अब राज्य के सभी स्कूलों में धारदार हथियार, चाकू, कैंची, छुरी तथा  किसी तरह की नुकीली वस्तु आदि लेकर आने पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया गया है। शिक्षा विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार अब स्कूल में बच्चों के बैग की शिक्षक जांच करेंगे। स्कूलों के नोटिस बोर्ड पर इस बारे में सार्वजनिक सूचना भी लगेगी। 

 

उदयपुर की घटना के बाद उत्तर प्रदेश की तर्ज पर राजस्थान की भजन लाल सरकार  के  आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाने की कतिपय लोगों ने निंदा की है और कहा है कि अब राजस्थान बुलडोजरजस्थान बन रहा हैं लेकिन राज्य सरकार  के इस कदम का समर्थन करने वाले लोगों का मानना है कि प्रदेश में उदयपुर जैसी घटनाओं को अंजाम देने वाले दोषियों के मन में डर पैदा करने के लिए ऐसा कदम उठाना नितान्त जरूरी हैं।

 

 

रक्षा एवं विदेश नीति विशेषज्ञ तथा उन्हास फाउंडेशन उदयपुर के संस्थापक अभिनव पंड्या ने काफी समय पहले आकाशवाणी पर एक इंटरव्यू में केन्द्र,राज्य और स्थानीय प्रशासन  को सावचेत किया था कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन और डेस्टिनेशन मैरिज तथा अन्य आयोजनों के लिए उदयपुर जैसे शांतप्रिय स्थल भारत विरोधी तत्वों, कट्टरपंथियों और धर्मांधता फैलाने वाले लोगों के सॉफ्ट टारगेट पर आ सकते हैं। विशेष कर उदयपुर के ब्रॉड गेज से जुड़ने के बाद इसके खतरे और अधिक बढ़ेंगे। इसके बाद उदयपुर में हुई कन्हैया लाल टेलर और चाकूबाजी की हालिया घटना ने इसे साबित भी किया है।

 

जानकारों के अनुसार अभी भी उदयपुर में हुई इन घटनाओं से केंद्र, राज्य और स्थानीय एजेंसियों को सबक लेना चाहिए तथा उदयपुर जैसे ऐतिहासिक एवं पर्यटन स्थल और शांतिप्रिय इस जग प्रसिद्ध नगर पर लगे बदनुमा दाग को धोने के साथ ही गुजरात से सटे धार्मिक पर्यटन के इस  हब को और अधिक नुकसान नहीं होने देने के लिए वे हर उपाय सुनिश्चित करने होंगे जो कि अब नितान्त जरूरी हो गए हैं ताकि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की पुनरावृति नही हो सके। हालांकि राजस्थान की भजन लाल सरकार ने इस दिशा में कदम उठाते हुए शरारतपूर्ण घटनाएं करने वाले तत्वों को हतोत्साहित करने के लिए बुलडोजर चलाने जैसा  साहसिक कदम  उठाया है।

 

देखना है कि भारत सरकार और राजस्थान सरकार इस बारे में आगे और क्या कदम उठाएंगी?


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