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###डॉ. रजनीश कांत को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान, लंदन में सम्मानित*

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20 Jul 24
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###डॉ. रजनीश कांत को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान, लंदन में सम्मानित*

पटना,  आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के इस दौर में एक ऐसी चिकित्सा पद्धति भी है जिसमें न तो दवा की जरूरत होती है और न ही किसी खास सर्जरी की। आरा भोजपुर, बिहार के निवासी कायरोप्रैक्टर डॉ. रजनीश कांत इसी पद्धति के विशेषज्ञ हैं। उनकी अनोखी चिकित्सा पद्धति और गरीबों को मुफ्त इलाज देने के चलते उन्हें चिकित्सा के क्षेत्र में एक अलग पहचान मिली है। 

डॉ. रजनीश कांत को देश-विदेश की कई संस्थाओं ने उनके योगदान के लिए पुरस्कृत किया है। इसी कड़ी में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने उन्हें लंदन में सम्मानित किया और उनकी उपलब्धियों को रिकॉर्ड में शामिल किया। इससे पहले, उन्हें एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी स्थान मिल चुका है और जून में दुबई में उन्हें सम्मानित किया गया था।

डॉ. रजनीश कांत ने अपनी चिकित्सा पद्धति से देश-विदेश में हजारों लोगों का सफल इलाज किया है। उनकी इस पद्धति से कम समय में सबसे अधिक मरीजों का सफल इलाज करने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है। इन सभी उपलब्धियों के कारण उन्हें पहले एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और अब वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने सम्मानित किया है, जिससे वे चिकित्सा क्षेत्र में दोनों संस्थाओं से पुरस्कृत चुनिंदा लोगों में शामिल हो गए हैं।

ब्रिटिश पार्लियामेंट, लंदन में आयोजित समारोह में डॉ. रजनीश कांत को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इस मौके पर चिकित्सा क्षेत्र की कई बड़ी हस्तियां भी मौजूद थीं। सम्मानित होने के बाद डॉ. रजनीश कांत ने कहा कि यह चिकित्सा पद्धति कमर दर्द, पैर दर्द, नस दर्द, गैस्ट्रिक, सिर दर्द, बदहजमी जैसी कई बीमारियों का सफलतापूर्वक इलाज करती है, जिसमें न तो दवा का प्रयोग होता है और न ही सर्जरी की जाती है। 

बिहार के आरा शहर के बेगमपुरा मोहल्ले से आने वाले डॉ. रजनीश कांत कम उम्र में ही सफलता के शिखर पर पहुंच गए हैं। वे महीने की पहली तारीख को 100 मरीजों का मुफ्त इलाज करते हैं और आर्थिक रूप से असक्षम लोगों का भी मुफ्त इलाज करते रहते हैं।


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