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मेवाड़ में मिले स्नेह व सम्मान से मैं अभीभूत हूं -पीएन भंडारी.

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09 Jun 24
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मेवाड़ में मिले स्नेह व सम्मान से मैं अभीभूत हूं -पीएन भंडारी.

उदयपुर  संजीव सेवा समिति व विज्ञान समिति उदयपुर की ओर से विज्ञान समिति सभागार मे आयोजित 24 वे "मेवाड़ गौरव अलंकरण समारोह" के मुख्य अतिथि प्रो. अजीत कुमार कर्नाटक,  कुलपति एमपीयूएटी थे व समारोह की अध्यक्षता प्रो. शांतिलाल मेहता, पूर्व कुलपति एमपीयूएटी ने की । " महाराणा प्रताप सम्मान 2024" प्राप्त करते हुए श्रीमान पी एन भंडारी अति. मुख्य सचिव राजस्थान सरकार ने अपने उद्बोधन मे कहा कि मेवाड़ में मिले स्नेह व सम्मान से मैं अभीभूत हूं । उन्होंने आगे कहा कि पूर्व में इस सामान को प्राप्त करने वाले सभी महान विभूतियों के सामने मैं अपने आप को एक अदना सा सेवक मानता हूं जिसने जनता व समाज के व्यापक हित में आलोच्य किंतु अंततोगत्वा स्वीकार्य  निर्णय लिए ।  आज मुझे इस बात की खुशी है कि मेरे द्वारा लिए गय उन निर्णयों के दूरगामी सुखद परिणाम देखने को मिल रहे है।

सजीव समिति के मीडिया प्रभारी प्रो विमल शर्मा ने बताया कि समारोह का प्रारंभ माता सरस्वती व महाराणा प्रताप के चित्र पर माल्यार्पण व मंचासीन का तिलक व शाल से सम्मान के साथ हुआ। प्रो. एल एल धाकड ने स्वागत उद्बोधन दिया । संस्थापक महासचिव शांतिलाल भंडारी ने संस्थान परिचय देते हुए बताया कि समिति द्वारा 16 वर्षों तक उदयपुर से हल्दीघाटी की "प्रताप स्मृति पर्यावरण चेतना यात्रा" के परिणामस्वरुप शाहीबाग (हल्दीघाटी ) मे वन विभाग की एक पहाड़ी पर प्रताप स्मृति वन विकसित किया जा सका । समिति 2001 से नियमित "महाराणा प्रताप सम्मान" देती आ रही है और आज पी एन भंडारी सा को 25वां सम्मान देकर हम सभी गौरवान्वित महसूस कर रही है ।

 

अपने संबोधन में प्रोफेसर अजीत कुमार कर्नाटक और प्रोफेसर शांतिलाल मेहता ने श्रीमान पी एन भंडारी के व्यक्तित्व को "एक कुशल प्रशासक", "नवाचार निपुण", "मानवीय सिद्धांतों पर अडिग", "उत्कृष्ट  सृजन कर्ता " , "आउट ऑफ़ बॉक्स थिंकर" व "ए मेन आफ हाईएस्ट इंटीग्रिटी" जैसी उपमाओं से अलंकृत किया।

 

समारोह मे पी एन भंडारी ने उपस्थित लोगों की जिज्ञासा निवारण करते हुए अपने कार्यकाल के अनेक रोचक प्रसंग सांझा किये । साथ ही उनकी मान्यता थी कि हर जनकल्याणकारी योजना को रेवाड़ी बांटने की श्रैणी मे लाना उचित नहीं है तथा संवेदनशीलता की कमी से भी कई कार्य अवरुद्ध होते है ।

कार्यक्रम मे राजेन्द्र खोखावत ने पी एन भंडारी के व्यक्तित्व को दर्शाती एक कविता प्रस्तुत की । कार्यक्रम का संचालन डा. के. पी. तलेसरा ने किया व आभार अभिव्यक्ति डा. आर के गर्ग ने की । राष्ट्रगान से कार्यक्रम समाप्ति पश्चात सभी ने स्नेह भोज लिया ।


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