श्रीगंगानगर, उत्तर पश्चिम रेलवे पर पर्यावरण अनुकूल विद्युतीकरण के कार्य तीव्र गति से किये जा रहे है। इस रेलवे पर विद्युतीकरण के कार्य को विगत वर्षों के बजट में प्राथमिकता प्रदान की गई है तथा सम्पूर्ण उत्तर पश्चिम रेलवे पर विद्युतीकरण का कार्य स्वीकृत हो गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर अब तक 1857 किलोमीटर रेल लाइन पर विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे के महत्वपूर्ण रेलखण्ड रेवाडी-अजमेर वाया फुलेरा तथा रेवाडी-अजमेर वाया जयपुर रेलखण्डों पर इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन पर यात्राी रेलसेवाओं का संचालन किया जा रहा है।
उत्तर पश्चिम रेलवे पर उदयपुर-डेट 115 किलोमीटर रेलखण्ड का विद्युतीकरण 133 करोड की लागत से किया गया है। इस रेलखंड को 19 दिसम्बर को रेलवे संरक्षा आयुक्त द्वारा रेल संचालन के लिए अनुमोदित कर दिया गया है। इस मार्ग के विद्युतीकरण से राजस्थान के प्रमुख पर्यटक स्थल उदयपुर का जुडाव अजमेर, जयपुर तथा दिल्ली से इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन से जुड जायेगा तथा इंजन चेंज करने में लगने वाले समय में कमी आयेगी। यह रेलखंड इस क्षेत्रा से दिल्ली की ओर जाने वाले मार्ग को पर्यावरण अनुकूल रेल परिवहन से जोडने में सहायक होगा।
वर्तमान में उत्तर पश्चिम रेलवे पर 2557 किलोमीटर का कार्य प्रगति पर है और इन कार्यो के होने पर सम्पर्क विद्युतीकृत लाइने आपस में जुड जाने के पश्चात् इन पर विद्युतीकृत रेलगाडियों का संचालन प्रारम्भ किया जायेगा। विद्युतीकरण होने से इस रेलवे पर यात्रियों को बहुत से फायदे होगे, जिसके तहत ट्रेनों की औसत गति में वृद्धि, डीजल इंजन के धुएं से होने वाले प्रदुषण से मुक्ति, विद्युत इंजनों की लोड क्षमता अधिक होने के कारण अधिक भार वहन, अधिक ट्रेनों का संचालन संभव, वर्तमान में इलेक्ट्रीक ट्रेनों का उत्पादन अधिक होने व इनमें अत्याधुनिक टैक्नालाॅजी के उपयोग के कारण अधिक सुविधाएं मिलना, ईंधन आयात पर निर्भरता में कमी तथा इलेक्ट्रीक गाडियों की परम्परागत गाडियों से औसत गति अधिक होती है एवं यह यात्रियों के लिये तेज व सुविधाजनक होती है।