कोलम्बो (श्रीलंका) में आयोजित चेस्ट विशेषज्ञों के 15 वे राष्ट्रीय सम्मेलन में गीताजंली अस्पताल के प्रोफेसर एमिरेटस डॉ.एस.के.लुहाड़िया को अतिथी व्याख्यान हेतु आमंत्रित किया गया। उक्त सम्मेलन में भारत से सिर्फ दो चिकित्सकों को व्याख्यान हेतु आमंत्रित किया गया था। डॉ. लुहाड़िया ने एन.टी.एम. रोग पर प्रकाश डालते हुए बताया कि एन.टी.एम. रोग टी.बी. से मिलता जुलता है पर इसका निदान व ईलाज अलग प्रकार से किया जाता है व ईलाज की अवधि कम से कम एक वर्ष होनी चाहिये।
उन्होंने अपने दूसरे व्याख्यान में ब्रांकीयेक्टेसीस नामक रोग के ईलाज पर चर्चा में बताया कि इस बीमारी में बार बार या बहुत लम्बे समय तक एन्टीबायोटिक का उपयोग किया जाता है, इसलिए एन्टीबायोटिकस का उपयोग गाइडलाइन के अनुसार बीमारी की तीव्रता व कल्चर में आये बैक्टीरिया के अनुसार करना चाहिये, जिससे कम से कम एन्टीबायोटिक्स से बीमारी की रोकथाम की जा सके।
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