आज, 8 नवंबर को पूरे विश्व में विश्व रेडियोलॉजी दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन रेडियोलॉजी और इमेजिंग तकनीक के महत्व को पहचानने और लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इस अवसर पर डॉक्टर विल्हेम कॉनराड रोएंटजन द्वारा 1895 में एक्स-रे की खोज को याद किया जाता है, जिसने चिकित्सा क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव लाया था। इस वर्ष की विश्व रेडियोलॉजी दिवस की थीम रेडियोग्राफ़र्स: सीइंग द अनसीन है|
रेडियोलॉजी का उपयोग आज के समय में न केवल रोगों की पहचान में बल्कि उनके सफल उपचार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआई और अल्ट्रासाउंड जैसी तकनीकें रोगियों के लिए निदान और इलाज को आसान बनाती हैं, जिससे लाखों लोगों की जान बचाई जा रही है।
गीतांजली हॉस्पिटल के रेडियोलोजी विभाग द्वारा इस अवसर पर खास आयोजन किया गया जिसमें गीतांजली हॉस्पिटल के सीईओ श्री ऋषि कपूर, मेडिकल सुपरिन्टेन्डेन्ट डॉ हरप्रीत सिंह, रेडियोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ रविन्द्र कुंडू व स्टाफ, अन्य सभी विभागों के एचओडी व स्टाफ मौजूद रहे|
इस अवसर पर सीईओ श्री ऋषि कपूर ने कहा कि गीतांजली हॉस्पिटल के रेडियोलाजिस्ट हॉस्पिटल की रीड की हड्डी हैं| साथ ही उन्होंने अपील की सभी लोग नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच करवाने में रेडियोलॉजी सेवाओं का लाभ उठाएं। इस दिशा में जागरूकता और नियमित स्वास्थ्य जांच से रोगों का समय पर पता लगाना और उनका इलाज संभव हो सकता है।
साथ ही मेडिकल सुपरिन्टेन्डेन्ट डॉ हरप्रीत सिंह ने सभी स्वास्थ्य कर्मियों, रेडियोलॉजिस्ट और तकनीशियनों का धन्यवाद किया जो अपनी सेवाओं से लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में जुटे हैं।
रेडियोलॉजी के इस योगदान को मान्यता देने और इसे जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से यह दिन मनाया जा रहा है।