प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय
भारतीय सिनेमा के महान अभिनेता, निर्देशक, लेखक और गीतकार मनोज कुमार का 87 वर्ष की आयु में 4 अप्रैल की सुबह कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन से फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है।
देशभक्ति फिल्मों के लिए प्रसिद्ध मनोज कुमार को 'भारत कुमार' के नाम से जाना जाता था। उन्हें पद्म श्री और दादा साहेब फाल्के पुरस्कार जैसे प्रतिष्ठित सम्मान मिल चुके थे। उन्होंने 1957 में फिल्म फैशन से अभिनय की शुरुआत की थी, जबकि कांच की गुड़िया (1961) में वह पहली बार लीड रोल में नजर आए।
उन्होंने हरियाली और रास्ता (1962), शहीद (1965), उपकार (1967), पूरब और पश्चिम (1970), रोटी कपड़ा और मकान (1974), क्रांति (1981) जैसी दर्जनों यादगार फिल्में दीं, जिनमें देशभक्ति और सामाजिक संदेश प्रमुख रहे।
मनोज कुमार की रचनात्मकता और अभिनय शैली ने उन्हें भारतीय सिनेमा में अमर बना दिया। वे भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी फिल्में और किरदार युगों-युगों तक जीवित रहेंगे।