भारत के 76वें गणतंत्र दिवस पर जल जीवन मिशन के तहत राजस्थान के छह जल योद्धाओं को सम्मानित किया गया। यह मिशन, जो ग्रामीण भारत में स्वच्छ पेयजल पहुंचाने का प्रयास कर रहा है, आज विकास और समानता की मिसाल बन चुका है।
नागौर जिले के खिंवसर ब्लॉक के गुढ़ा भंगवान दास गाँव में पानी का गंभीर संकट था। महिलाएँ 2-3 किलोमीटर पैदल चलकर पानी लाने को मजबूर थीं। असुरक्षित पानी से जलजनित रोगों का प्रकोप आम था।
इस चुनौतीपूर्ण समय में, श्रीमती धापू देवी ने गाँव के जल संकट को सुलझाने के लिए नेतृत्व संभाला। गाँव जल और स्वच्छता समिति (वीडब्ल्यूएससी) की अध्यक्ष के रूप में, उन्होंने जागरूकता अभियान चलाए और ग्रामीणों को स्वच्छ जल के महत्व को समझाया। उनकी प्रेरणा से ग्रामीणों ने 8 लाख रुपए जुटाए, जिससे परियोजना को मजबूती मिली।
विभिन्न पक्षों के समन्वय और ठोस योजनाओं के साथ, गुढ़ा भंगवान दास में 100% नल जल कनेक्शन उपलब्ध हो गए। आज हर घर में सुरक्षित जल की आपूर्ति है, जिससे महिलाओं का समय बचा और परिवार खेती व अन्य कार्यों में ध्यान केंद्रित कर पा रहे हैं। जलजनित रोगों में कमी और पानी टैंकरों पर निर्भरता समाप्त होने से गाँव में समृद्धि आई।
श्रीमती धापू देवी का नेतृत्व गाँव में एक स्थायी जल आपूर्ति प्रणाली स्थापित करने का आधार बना। उनके प्रयासों ने न केवल ग्रामीणों को सशक्त किया, बल्कि सामूहिक प्रयासों की ताकत को भी उजागर किया।
उन्होंने कहा, "जल जीवन मिशन ने हमें एकजुट होकर काम करने की ताकत दिखाई। यह हमारे गाँव के लिए उज्जवल और टिकाऊ भविष्य की नींव है।"
गुढ़ा भंगवान दास की यह सफलता कहानी स्वच्छ जल के साथ-साथ सशक्तिकरण और सामूहिक प्रयासों की अद्भुत मिसाल है।