फिल्मकार डॉ. हरनाथ पोलिचेरला, कन्नड़, तेलुगु और अंग्रेजी के साथ अन्य भारतीय भाषाओं में फिल्म बनाने की दिशा में काफी एक्टिव रहते हुए अपनी पहली पैन इंडिया मूवी 'ना तेलुगोड़ू' (Naa Telugodu) को बहुत जल्द ही फ्लोर पर ले जाने वाले हैं। बाल शोषण और ड्रग्स से संबंधित समस्याओं से जुड़ी इस फिल्म की शूटिंग मुम्बई, जम्मू और कश्मीर और रामोजी फिल्मसिटी हैदराबाद में की जाएगी। इस फिल्म में दक्षिण भारतीय कलाकारों के साथ बॉलीवुड के कलाकार भी नजर आएंगे। इस फिल्म के लिए ज़रीना वहाब और आशीष विद्यार्थी को अनुबंधित किया जा चुका है। अन्य कलाकारों का चयन जारी है। इस पैन इंडिया फिल्म की प्रोडक्शन डिज़ाइन, कास्टिंग हैदराबाद की नामचीन गिलिटर फिल्म अकादमी कर,रही है। यह फिल्म हैदराबाद में फरवरी 2025 से स्टार्ट टू फिनिश शूटिंग शेड्यूल के साथ शुरू होगी। यहां उल्लेखनीय है कि फिल्मकार डॉ. हरनाथ पोलिचेरला ने कन्नड़ तेलुगु और अंग्रेजी भाषाओं की 18 फिल्मों में अभिनय और निर्माण किया है। तेलुगु सिनेमा उद्योग में निर्माता, निर्देशक, लेखक और अभिनेता के रूप में प्रसिद्धी और यूएसए में तेलुगु संस्कृति और भाषा के विकास में योगदान को देखते हुए उनकी सेवाओं के लिए जनवरी 2023 में यूएसए के राष्ट्रपति बिडेन ने लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्रदान किया। सन् 2001 में भी माननीय पूर्व प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव ने उन्हें प्रवासी भारतीय नागरिकता पुरस्कार प्रदान किया था। उनकी कन्नड़ फिल्म 'पेरिस प्रणया' को 2003 मे सर्वश्रेष्ठ फिल्म का फिल्मफेयर अवार्ड मिला था। किशोर आत्महत्या पर आधारित फिल्म 'होप' को भारत की राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल के कर कमलों द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। आंध्र प्रदेश राज्य द्वारा उनकी फिल्म 'चंद्रहास' के लिए गोल्डन नंदी पुरस्कार और राष्ट्रीय एकीकरण के लिए सरोजिनी देवी पुरस्कार से भी उन्हें नवाजा जा चुका है। विदित हो कि आंध्र प्रदेश के तिरुपति में जन्मे और अमेरिका में अपने व्यस्त मेडिकल कैरियर के बावजूद, उन्होंने सिनेमा के प्रति अपने प्यार को बनाए रखा है। 'कैप्टन राणा प्रताप', 'टिक टिक', 'ड्रिल', 'चंद्रहास' और 'होप' जैसी फिल्मों द्वारा अंग्रेजी, कन्नड़ और तेलुगु भाषा के सिनेमा में उन्होंने अमूल्य योगदान दिया है। पेशे से चिकित्सक डाॅक्टर हरनाथ पोलिचेरला को अंग्रेजी, कन्नड़ और तेलुगु फिल्मों के निर्माता-निर्देशक, लेखक और अभिनेता के रूप में जाना जाता है।
प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय