उदयपुर। शास्त्रीय संगीत की दुनिया में अपनी जादुई अंगुलियों और लयकारी से तबले पर अद्वितीय छाप छोड़ने वाले पद्मभूषण उस्ताद जाकिर हुसैन के सैन फ्रांसिस्को में निधन की खबर से संगीत प्रेमियों में गहरा शोक छा गया है।
सुरों की मंडली के संस्थापक मुकेश माधवानी ने इस दुखद घटना पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा, "देश में 'वाह ताज' की आवाज देने वाले और तबले पर थाप से जादू बिखेरने वाले उस्ताद की अंगुलियां और हथेली अब सदा के लिए थम गई हैं। बरसों तक अपने तबले के सुरों से संगीत प्रेमियों के दिलों पर राज करने वाले उस्ताद जाकिर हुसैन को देश और दुनिया हमेशा याद करेगी।"
उन्होंने कहा कि उस्ताद के जाने से संगीत जगत में ऐसा खालीपन आ गया है जिसे भर पाना असंभव है। उनकी कला और योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।