(mohsina bano)
उदयपुर। राजस्थान विद्यापीठ के प्रबंध अध्ययन संकाय, प्रतापनगर में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) द्वारा स्वीकृत तीन दिवसीय फैकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम की शुरुआत हुई। इस कार्यशाला का विषय था सार्वभौमिक मानवीय मूल्य, जो शिक्षा को संस्कारों और मूल्यों से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में कुलपति प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत ने कहा कि समाज की सशक्त नींव केवल संस्कारों की पुनर्स्थापना से ही संभव है। उन्होंने गुरुकुल परंपरा की प्रशंसा करते हुए आधुनिक समाज में मूल्यों के क्षरण पर चिंता व्यक्त की।
मुख्य वक्ता डॉ. अलका स्वामी ने कहा कि AICTE पूरे देश में मूल्य आधारित शिक्षा को प्रोत्साहित कर रहा है। उन्होंने आत्म-संतोष, स्वीकृति, निरंतरता और समृद्धि जैसे मूल्यों पर बल दिया।
प्रो. बीके शर्मा व डॉ. सरोज लखावत ने मूल्यनिष्ठ शिक्षा के महत्व पर अपने विचार रखे। आयोजन समिति अध्यक्ष डॉ. नीरू राठौड़ ने बताया कि कार्यशाला में सद्भाव, विश्वास और आत्म-अन्वेषण जैसे विषयों पर मंथन किया जाएगा।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. चंद्रेश छतलानी और स्वागतकर्ता डॉ. हिना खान रहे। संचालन भी डॉ. छतलानी ने किया।
जानकारी निजी सचिव के.के. कुमावत ने दी।