(mohsina bano)
उदयपुर – राजस्थान विद्यापीठ के संघटक महाविद्यालय, स्कूल ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भा.कृ.अनु.प.) - भारतीय तिलहन अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद के संयुक्त तत्वावधान में कृषि विज्ञान मेले का भव्य आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ एमपीयूटी कुलपति प्रो. अजीत कुमार कर्नाटक, दिल्ली विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. योगानंद शास्त्री, कुलाधिपति भंवरलाल गुर्जर, भारतीय तिलहन अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद के निदेशक डॉ. रवि माथुर एवं कुलपति कर्नल प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने किया।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. अजीत कुमार कर्नाटक को कृषि क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि राजस्थान की कृषि समृद्ध परंपरा से जुड़ी हुई है, जहां किसान आत्मनिर्भरता के साथ उन्नत कृषि पद्धतियों एवं पशुपालन के माध्यम से अपनी आजीविका सशक्त बना रहे हैं।
कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने किसानों की मेहनत और समर्पण को देश की उन्नति का आधार बताया और उन्हें आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने सरकारी योजनाओं, बीमा कवर, उन्नत बीज, कीटनाशक व उर्वरकों की खरीद में सहायता जैसी सुविधाओं पर प्रकाश डाला।
कुलाधिपति भंवरलाल गुर्जर ने कृषि भूमि के घटते क्षेत्रफल पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि गांवों में शहरी सुविधाएं विकसित करने से युवा कृषि को करियर के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित होंगे।
कृषि विज्ञान मेले में 500 से अधिक किसान एवं विद्यार्थी शामिल हुए। मेले में किसानों और वैज्ञानिकों के बीच संवाद, विश्वविद्यालय एवं कृषि आदान संस्थानों की तकनीकी प्रदर्शनी विशेष आकर्षण का केंद्र रही। प्रतिभागियों को फसल उत्पादन, अनुसंधान, नर्सरी, बीज इकाई एवं फल प्रसंस्करण से जुड़ी नवीनतम तकनीकों से अवगत कराया गया।
कृषि मेले में फसल, फल एवं सब्जी प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, वहीं महिलाओं के लिए रंगोली प्रतियोगिता आकर्षण का केंद्र रही। तिलहन फसलों के उत्पादन एवं आर्थिक महत्व पर जोर दिया गया, जिससे विशेष रूप से जनजातीय कृषकों को उनकी खेती से आर्थिक मजबूती मिल सके।
इस मेले में संगम यूनिवर्सिटी, माधव यूनिवर्सिटी, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भीलवाड़ा वेटरनिटी एंड एनिमल साइंसेज सहित कई प्रतिष्ठित संस्थानों के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। इसके अलावा, आईडीएफसी, पी इंडस्ट्रीज, स्वराज ट्रैक्टर, आशा एफपीओ समेत विभिन्न संगठनों और एनजीओ ने भी अपनी भागीदारी दर्ज कराई।
मेले का संचालन डॉ. सोनिया जायसवानी एवं सौरव राठौड़ ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन प्रो. नारायण सिंह सोलंकी ने दिया।