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भाषा एवं संस्कृति महोत्सव 2025 का भव्य आयोजन

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14 Feb 25
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भाषा एवं संस्कृति महोत्सव 2025 का भव्य आयोजन

(mohsina bano)

उदयपुर। प्रेम मानवीय भावनाओं और संबंधों की प्रेरक शक्ति है, जबकि बुद्धि मार्गदर्शक प्रकाश की तरह कार्य करती है, जो सही निर्णय लेने में सहायता करती है। प्रेम से रिश्ते मजबूत होते हैं और बुद्धि उन्हें संतुलित व सार्थक बनाए रखने में सहायक होती है। यह विचार गुरुवार को जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय एवं अंजुमन तरक्की उर्दू, राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित भाषा एवं संस्कृति महोत्सव 2025 के उद्घाटन सत्र में वक्ताओं ने व्यक्त किए।

"लव एंड विजडम इन आवर लाइफ" विषय पर आधारित इस महोत्सव के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो. कर्नल शिव सिंह सारंगदेवोत ने की। उन्होंने कहा कि बुद्धि प्रेम को मार्गदर्शन देती है, जिससे व्यक्ति संवेदनशीलता और संयम के साथ व्यवहार करता है। जब प्रेम और बुद्धि संतुलित होते हैं, तो रिश्ते गहरे और अधिक अर्थपूर्ण बनते हैं, जिससे समाज में भी सकारात्मकता और सामंजस्य बना रहता है।

आयोजन सचिव प्रो. सरबत खान ने बताया कि कार्यक्रम में कुलाधिपति भंवरलाल गुर्जर, डॉ. राधिका चोपड़ा, प्रो. कल्याण सिंह शेखावत (जोधपुर), प्रो. शफी किदवई विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। आयोजन अध्यक्ष प्रो. हेमेंद्र चौधरी एवं महाविद्यालय डीन प्रो. मलय पानेरी ने भी विचार रखे।

दो दिवसीय महोत्सव में संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू भाषाओं पर केंद्रित विविध सत्र आयोजित किए गए। संस्कृत भाषा सत्र में प्रो. नीरज शर्मा, डॉ. भगवती शंकर व्यास, डॉ. चंदन बाला मारू, श्रीनिवासन अय्यर ने विचार प्रस्तुत किए।

हिंदी सत्र में प्रो. तराना परवीन ने अपनी कहानी V G R का वाचन किया, जबकि डॉ. सदाशिव श्रोत्रिय से डॉ. हुसैनी बोहरा द्वारा संवाद कार्यक्रम हुआ।

अंग्रेजी सत्र में मुख्य वक्ता प्रो. अपर्णा शर्मा (बी.एन. विश्वविद्यालय), मुख्य अतिथि प्रो. रेखा तिवारी (टेक्नो एनजेआर), कवि अनुभूति जैनडॉ. शारदा वी. भट्ट उपस्थित रहे।

उर्दू सत्र में प्रो. तारीक छतारी, प्रो. ख्वाजा इकराम, प्रो. मंजू चतुर्वेदी ने "लव एंड विजडम इन आवर लाइफ" विषय पर चर्चा की, जबकि शाइस्ता ने कविता पाठ किया।

सायंकालीन सत्र में प्रसिद्ध संगीत गायिका डॉ. राधिका चोपड़ा की उपस्थिति में संगीत संध्या का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का संचालन डॉ. हिना खान व हरीश चौबीसा ने किया। आयोजकों के अनुसार, महोत्सव के दौरान भाषा, साहित्य और संस्कृति से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं पर गहन चर्चा होगी, जिससे प्रतिभागियों को नई दृष्टि प्राप्त होगी

सायंकालीन सत्र में प्रसिद्ध गजल गायिका डॉ राधिका चोपड़ा ने संगीत संध्या में बिखेरी संगीत की मधुर धुन।

इस अवसर पर अतिथियों द्वारा दो पुस्तकों का विमोचन किया गया जिसमें जावेद दानिश की  Yes My Son Razi is Autistic ( a solo on Autism )
और शाइस्ता की अंधेरा पग हिंदी ट्रांसलेशन थी।

 


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