GMCH STORIES

खनन, सुरंग और ब्लस्टिंग में बेहतर हो सकता है सीस्मोलॉजी का उपयोग – डॉ. व्यास

( Read 610 Times)

21 Dec 24
Share |
Print This Page

खनन, सुरंग और ब्लस्टिंग में बेहतर हो सकता है सीस्मोलॉजी का उपयोग – डॉ. व्यास

भूविज्ञान विज्ञान की वह शाखा है जो भूकंप से संबंधित है। यह एक वैज्ञानिक और अंतःविषय है जो भूकंप और उनसे संबंधित अवधारणाओं का अध्ययन करता है, यह बात इंस्टीट्यूट आफ माइन सीस्मोलॉजी ऑस्ट्रेलिया के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ जगदीश चंद्र व्यास ने जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ के कुलपति सचिवालय सभागार में " भूकंप विज्ञान का विकास: विखंडन, तरंग क्षेत्र और भू-गति का भौतिकी-आधारित अन्वेषण" विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में बतौर मुख्य वक्ता कही। उन्होंने कहा कि किस तरह से तरंगों एवं बल के समन्वय से भूकंप एवं न्यूक्लियर प्रशिक्षण में अंतर किया जा सकता है । साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि डॉपलर इफेक्ट और सोनिक बूम का प्रयोग भूकंप की क्रिययों को समझने में होता है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सीस्मोलॉजी का उपयोग खनन क्षेत्र में, सुरंग निर्माण एवं ब्लस्टिंग आदि में किया जा सकता है।किस तरह से तरंगों एवं बल के समन्वय से भूकंप एवं न्यूक्लियर प्रशिक्षण में अंतर किया जा सकता है । साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि डॉपलर इफेक्ट और सोनिक बूम का प्रयोग भूकंप की क्रिययों को समझने में होता है।

यह अवसर पर अध्यक्षीय उद्बोधन में जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ के कुलपति कर्नल प्रो शिव सिंह सारंगदेवोत ने कहा कि हर साल दुनिया में लगभग 20,000 भूकंप आते हैं और क्या आप जानते हैं कि यह सबसे अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदाओं में से एक है जो जहाँ भी होती है, वहाँ बहुत नुकसान पहुँचाती है। आप सोच रहे होंगे कि यह क्यों और कैसे होता है और हम इससे खुद को कैसे बचा सकते हैं, यह जानने के लिए इसका ठीक से अध्ययन किया जाना चाहिए। खैर, अध्ययन की एक अलग शाखा है जो इस भाग से व्यापक रूप से निपटती है और इससे संबंधित हर पहलू से निपटती है। यह अध्ययन का एक अंतःविषय क्षेत्र है जिसका एक लंबा इतिहास है और जिसमें विभिन्न गणितज्ञों, भौतिकविदों, भूवैज्ञानिकों, इंजीनियरों, आविष्कारकों आदि का योगदान है।

इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति कर्नल प्रो एस एस सारंगदेवोत , कुलसचिव डॉ तरुण श्रीमाली एवं डॉ मनीष श्रीमाली द्वारा माँ सरस्वती के समक्ष माल्यार्पण दीप प्रज्वलन कर किया गया ।

अतिथियों का स्वागत परिचय व कार्यक्रम जानकारी विज्ञान संकाय की निदेशक डॉ सपना श्रीमाली द्वारा दी गई ।

कार्यक्रम का संचालन डॉ सिद्धिमा शर्मा द्वारा किया गया। अंत में डॉ मंगल श्री दुलावत द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

इस अवसर पर डॉ उत्तम शर्मा, डॉ भावेश जोशी, डॉ दीप्ति सोनी, डॉ योगीता श्रीमाली, डॉ पूजा जोशी, डॉ खुशबू जैन, सुश्री शक्तिका चौधरी, लालिमा शर्मा, हिमानी वर्मा, डॉ गौरव गर्ग, डॉ प्रदीप सिंह शक्तावत, डॉ दिलीप चौधरी एवं अन्य संकाय सदस्य व विद्यार्थी उपस्थित थे।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like