जयपुर, छात्रों को शैक्षिक सुधारों के प्रति जागरूक करने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत किए गए परिवर्तन और उसकी उपादेयता को समझाने के लिए हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय तीन सारथियों का चयन करेगा ।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के दिशा-निर्देशों के तहत, पत्रकारिता विश्वएविद्यालय ने एनईपी- सारथी का नामांकन करने की घोषणा की है। ये सारथी छात्रों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में जागरूकता पैदा करने, इसके कार्यान्वयन में सहायता करने और छात्रों से प्रतिक्रिया एकत्र करने में सक्रिय रूप से भूमिका निभाएंगे, ताकि नीति के प्रभाव को और बेहतर किया जा सके। प्रचार प्रसार सुधारों के सक्रिय एम्बेसडर के रूप में संलग्न करने के लिए बनाई गई है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभारी डॉ. मनोज कुमार लोढा ने बताया कि पत्रकारिता विश्वविद्यालय में सारथी के चयन के लिए विश्वविद्यालय के स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी छात्रों में से तीन छात्रों का नामांकन किया जाएगा। इन छात्रों का चयन परीक्षा और साक्षात्कार के माध्यम से किया जाएगा, ताकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति संबंधी ज्ञान, संचार और नेतृत्व कौशल तथा जागरूकता अभियानों के आयोजन और नीति के प्रभाव पर चर्चा में भाग लेने की क्षमता का मूल्यांकन किया जा सके।
डॉ. मनोज लोढा ने बताया कि सारथी के तौर पर चयनित एम्बेसडर की जिम्मेदारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए कैंपस इवेंट्स और सोशल मीडिया अभियानों का आयोजन करना होगी। इसके अतिरिक्त, वे अपने साथियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति की पहल के बारे में मार्गदर्शन देंगे, छात्रों से प्रतिक्रिया एकत्र करेंगे और नीति को और अधिक प्रभावशील बनाने में योगदान देंगे।
डॉ. लोढा ने आगे बताया कि वर्ष के अंत में सारथी छात्रों को प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफल कार्यान्वयन में उनके योगदान को मान्यता देगा। साथ ही, उन्हें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के आधिकारिक सोशल मीडिया चैनलों पर प्रदर्शित किया जाएगा और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से संबंधित ऑनलाइन आयोजनों में भाग लेने का निमंत्रण मिलेगा। इसके अतिरिक्त, उन्हें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के न्यूजलेटर में लेख प्रकाशित करने का अवसर मिलेगा, जिससे वे शैक्षिक सुधारों पर राष्ट्रीय संवाद में योगदान दे सकेंगे।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में बात करते हुए डॉ. लोढ़ा ने कहा कि यह नीति भारत की शिक्षा प्रणाली को गुणवत्ता, समानता और पहुंच को प्राथमिकता देकर बदलने का लक्ष्य रखती है। इसके सफल कार्यान्वयन के लिए सभी हितधारकों—विशेष रूप से छात्रों—की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। सारथी चयन की पहल छात्रों को इस शैक्षिक परिवर्तन के अग्रणी बनाने का एक मंच प्रदान करती है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनकी आवाज़ सुनी जाए और वे भारतीय उच्च शिक्षा के भविष्य को आकार देने में योगदान कर सकें।