GMCH STORIES

राजस्थान विद्यापीठ - पी.एचडी कोर्स वर्क प्रारंभ

( Read 967 Times)

27 Sep 24
Share |
Print This Page
राजस्थान विद्यापीठ - पी.एचडी कोर्स वर्क प्रारंभ


उदयपुर जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ (डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय) की ओर से पीएचडी शोधार्थियों के लिए यूजीसी नियमानुसार कोर्स वर्क का शुभारंभ प्रतापनगर स्थित कुलपति सचिवालय के सभागार में कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत, पीजीडीन प्रो. जीएम मेहता, समन्वयक डॉ. युवराज सिंह राठौड़ ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्जवलित कर किया। समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. कर्नल एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि शोध कार्य समाज के लिए उन्नति कारक व एक दर्शन स्वरूप व उपयोगी सिद्ध हो। शोध पद्धति, शोध को निर्देशित करने वाला एक अंतर्निहित ढांचा होता है, किसी समस्या को हल करने के लिए एक व्यवस्थित और पद्धतिगत योजनाबद्ध शोध पद्धति से वैध और विश्वसनीय नतीजे प्राप्त होते हैं।
उन्होंने बताया कि दुनिया को विश्वविद्यालय, भारत की ही देन है। तक्षशिला विश्वविद्यालय को दुनिया का सबसे पहला विश्वविद्यालय माना जाता है, जो एशिया में शिक्षा का प्रमुख केंद्र था। माना जाता है यह विश्वविद्यालय छठवीं से सातवीं ईसा पूर्व में तैयार हुआ था। तक्षशिला, नालंदा जैसे विश्वविद्यालय हिंदू और बौद्ध शिक्षा के केंद्र थे।  यहां वेद-वेदांत, अष्टादश विद्याएं, दर्शन, व्याकरण, अर्थशास्त्र, राजनीति, युद्धविद्या, शस्त्र-संचालन, ज्योतिष, आयुर्वेद, ललित कला, हस्त विद्या, अश्व-विद्या, मंत्र-विद्या, विविध भाषाएं, शिल्प आदि का अध्ययन करवाया जाता था और इन्हीं विश्वविद्यालयों में पाणिनी, कौटिल्य, चंद्रगुप्त, जीवक, कौशलराज जैसे महान लोगों ने अध्ययन किया था। इसी ज्ञान के आधार पर ही पूरे विश्व में भारत को विश्व गुरु का दर्जा प्राप्त था। 
पीजीडीन प्रो. जीएम मेहता ने शोधार्थियों का आव्हान किया कि वे उत्तमता अपनाते हुए शोध कार्य करे तथा कॉपी पेस्ट से बचे। शोधार्थियों को किताबी ज्ञान नहीं बल्कि व्यावहारिक ज्ञान से भी अवगत रहना चाहिए।
प्रारम्भ में समन्वयक डॉ. युवराज सिंह राठौड़ ने स्वागत करते हुए बताया कि इस कोर्सवर्क में शोधार्थियों को अलग-अलग विषय विशेषज्ञों द्वारा शोध पद्धति, शोध प्रारूप तैयार करने की वैज्ञानिक पद्धति, कम्प्यूटर एवं इन्टरनेट उपयोगिता, शोध एथिक्स आदि का नवीनतम ज्ञान प्रदान कराया जायेगा  जिससे शोधार्थी अपने कार्य में निपुण हो सके।
संचालन सह-समन्वयक डॉ. सुनीता मुर्डिया ने किया। कोर्सवर्क में निजी सचिव कृष्णकांत कुमावत, तकनीकी समन्वयक डॉ. चन्द्रेश छतलानी, डॉ. यज्ञ आमेटा, तकनीकी सहयोगी डॉ. ललित सालवी, विकास डांगी, रोशन गर्ग सहित प्रतिभागी उपस्थित थे।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like