उदयपुर, 10 दिसंबर – विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम ने कहा कि स्वयंसेवी संस्थाओं का कार्य केवल जरूरतमंदों को उनके अधिकार दिलाना या सरकारी योजनाओं का लाभ पहुँचाना नहीं बल्कि मानवता की सेवा करना है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्वयंसेवी संस्थाओं को अपने कार्य करने के तरीके में बदलाव लाना चाहिए और भारत को प्रथम प्राथमिकता देना चाहिए, ताकि समाज में जागरूकता आए और अंतिम व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी संस्था का आधार व्यक्ति नहीं बल्कि एक टोली होनी चाहिए, तभी कार्य सही दिशा में जाएगा और लक्ष्य तक पहुँच पाएगा।
जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय, उदयपुर में आयोजित स्वयंसेवी संस्थाओं की कार्यशाला में राजस्थान के 25 स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रमुखों ने भाग लिया। कार्यक्रम की भूमिका प्रस्तुत करते हुए मनोज कुमार ने कहा कि भारत प्रथम उद्देश्य को सामने रखते हुए काम करना चाहिए, तभी समाज में जागरूकता आएगी और अंतिम व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुँच पाएगा।
कार्यशाला में दीनदयाल शोध संस्थान की एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. मीना कुमारी ने कहा कि आजकल सरकारी योजनाओं को पहुंचाने में एनजीओ की बहुत बड़ी भूमिका है। उन्होंने इंटरनेट के माध्यम से समाज तक काम पहुंचाने की आवश्यकता और एनजीओ को क्षेत्र विशेष में नियमित गतिविधियाँ करने की सलाह दी। इसके अलावा, एनजीओ के सही तरीके से क्रियान्वयन के लिए ऑफिस, ऑडिट, स्टाफ, इंटर्न आदि की आवश्यकता पर भी विस्तार से चर्चा की गई।
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाओं से एनजीओ के कार्य करने की कुशलता में वृद्धि होती है और काम करने की दिशा और दृष्टिकोण मिलता है। उन्होंने शोध के महत्व को बताते हुए कहा कि मानवाधिकार दिवस वह दिन है जब 1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा (यूडीएचआर) को अपनाया था।
मोती फाउंडेशन के विकास छाजेड़ ने एक केस स्टडी प्रस्तुत करते हुए बताया कि किस तरह कुछ स्वयंसेवी संस्थाएं समाज में वैमनस्यता फैलाने का काम करती हैं और झूठी जानकारी फैलाती हैं।
कार्यक्रम का सारांश प्रस्तुत करते हुए मनोज कुमार ने कहा कि हमें मासिक गतिविधियों, डॉक्यूमेंटेशन और समन्वय पर अधिक ध्यान देना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन अजमेर से आए उद्भवति फाउंडेशन के विकास टांक ने किया।
कार्यक्रम में कांतिलाल पाटीदार (डूंगरपुर), भागीरथ चौधरी (बाड़मेर), हरदयाल (जयपुर), पारुल त्यागी आदि ने भी अपने विचार साझा किए।
उल्लेखनीय है कि यह राजस्थान में कार्यरत भारत प्रथम उद्देश्य को सामने रखते हुए अधिकार केन्द्रित जागृति अभियान चलाने वाले एवं अभावग्रस्तों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने वाले एनजीओ की द्वितीय एक दिवसीय वार्षिक बैठक थी। पहली बैठक 10 दिसंबर 2023 को जयपुर में आयोजित की गई थी।