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ऋण माफी के बकाया 766 करोड़ का सहकारी बैंकों को भुगतान करे सरकार - आमेरा

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27 Apr 25
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ऋण माफी के बकाया 766 करोड़ का सहकारी बैंकों को भुगतान करे सरकार - आमेरा

उदयपुर  आॅंल राजस्थान को-आॅपरेटिव बैंक एम्पलाईज यूनियन एवं आॅंल राजस्थान को-आॅपरेटिव बैंक आॅफिसर्स एसोसिएशन की उदयपुर सम्भाग के उदयपुर, बांसवाड़ा, डॅूगरपुर व चित्तौडगढ़ केन्द्रीय सहकारी बैंकों के कर्मचारियों व अधिकारियों की आम सभा बैठक जिला अध्यक्ष राजेश टेलर की अध्यक्षता में प्रतापनगर स्थित, उदयपुर केन्द्रीय सहकारी बैंक, प्रधान कार्यालय सभागार में सम्पन्न हुई। बैंक कर्मियों की आम सभा में उदयपुर, बांसवाड़ा, डॅूगरपुर व चित्तौडगढ़ केन्द्रीय सहकारी बैंक, भूमि विकास बैंक के सभी कर्मचारियों व अधिकारियों, सेवानिवृत कार्मिकों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। सभा के प्रारम्भ में पहलगाम में हुए आंतकी हमले मे शहीद हुए लोगो को श्रद्वांजली अर्पित करने हेतु दो मीनट का मौन रखा गया। उदयपुर जिला सचिव प्रिंस गहलोत ने बताया कि सहकारी बैंक कर्मियों की आम सभा में मुख्य अतिथि  आॅंल राजस्थान को-आॅपरेटिव बैंक एम्पलाईज यूनियन एवं आॅंल राजस्थान को-आॅपरेटिव बैंक आॅफिसर्स एसोसिएशन के प्रांतीय महासचिव, आॅल इण्डिया को-आॅपरेटिव बैंक एम्पलाईज फैडरेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, सहकारी साख समितियां एम्पलाईज यूनियन राजस्थान के प्रांतीय अध्यक्ष सहकार नेता सूरज भान सिंह आमेरा रहे। मुख्य अतिथि सहकार नेता सूरज भान सिंह आमेरा का बैंक कर्मियों की आम सभा में सम्भाग के जिला प्रतिनिधियों द्वारा साफा पहनाकर माल्यार्पण कर भव्य स्वागत किया गया। बैठक में जयपुर से अपेक्स बैंक यूनियन सर्वेश चैधरी, दिलीप सिंह जादम, विनोद कुमार मीणा तथा जयपुर सीसीबी के प्रतिनिधि हेमन्त वर्मा, मनीष गंगवाल व रिपूसदन आबूसरिया का भी माल्यार्पण कर स्वागत किया गया।

सहकार नेता सूरज भान सिंह आमेरा ने सहकारी बैंक कर्मियों की आम सभा को सम्बोधित करते हुए राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2018 व 2019 में की गई सहकारी ऋण माफी के एवजी प्रदेश के केन्द्रीय सहकारी बैंकों को देय बकाया ब्याज के 766 करोड रूपये का भुगतान करने की मांग करते हुए बताया कि उदयपुर सीसीबी के 12 करोड़, बांसवाडा सीसीबी को 21 करोड, ़डूॅगरपुर सीसीबी को 7 करोड़ एवं चित्तौड़गढ सीसीबी को 34 करोड का भुगतान बकाया है। उन्होने बताया कि वित्तीय वर्ष में भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देश से राज्य सरकार की तरफ बकाया देय राशि का शत-प्रतिशत प्रोविजन करने से केन्द्रीय सहकारी बैंकों का सीआरएआर निर्धारित वित्तीय मानदण्ड 9 प्रतिशत के स्तर से नीचे चला जायेगा। सहकारी बैंकों की आर्थिक स्थिति कमजोर होकर अधिकांश बैंक हानि में होगें। सरकार से केन्द्रीय सहकारी बैंकों की आर्थिक मजबूती व किसानों को 25000 करोड़ का फसली ऋण वितरण के लिए बकाया ब्याज राशि का 766 करोड़ रूपये केन्द्रीय सहकारी बैंकों को शीघ्र भुगतान जारी किया जाना चाहिए। 

सहकारी बैंक कर्मियों की बैठक को सम्बोधित करते हुए आमेरा ने सरकार, सहकारी विभाग एवं बैंक प्रबन्धन से राज्य सरकार के नीतिगत निर्णय के तहत सभी सहकारी बैंकों में सीधी भर्ती से पूर्व बैंक कर्मियों की गत वर्षांें की लम्बित डीपीसी सहित चालू वर्ष तक की रिक्त पदों पर डीपीसी करवाई जाने की मांग की है। 

 

 

आमेरा ने बताया कि समय की मांग है कि देश में वाणिज्यिक बैंकों का समामेलन की तरह एवं ‘‘एक राज्य एक ग्रामीण बैंक’’ की तर्ज पर जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों को राज्य सहकारी बैंक में समामेलित कर टू-टीयर सहकारी बैंकिंग व्यवस्था राज्य में लागू कर ‘‘एक राज्य एक राज्य सहकारी बैंक’’ बनाया जाना चाहिए। टू-टीयर सहकारी बैंकिंग व्यवस्था से राज्य में एक बड़ा सहकारी बैंक होने से किसानों को सस्ती ब्याज दर पर समूचित व पर्याप्त सहकारी ऋण सुविधा के साथ राज्य का सहकारी बैंकिंग ढांचा सक्षम एवं बड़ा होगा। बैंकों में प्रशासनिक कुशलता व आर्थिक सक्षमता के लिए रिजर्व बैंक के निर्धारित मानदण्ड नीति ‘‘फिट एण्ड प्रोपर’’ के तहत योग्य अधिकारी एम.डी. लगाने की आवश्यकता है। सहकारी बैंकों की स्टाफ स्टैªेन्थ 2010 में निर्धारित की गई थी जिसकी वर्तमान बैंकिंग सेवा, सुविधाएं व मशीनीकरण के परिपेक्ष में दुबारा समीक्षा कर स्टाफ स्टैªेन्थ बढ़ाये जाने की आवश्यकता है। 16वें वेतन समझौते के लम्बित मुद्दों का वित्त विभाग द्वारा निस्तारण कर जेएआईआईबी/सीएआईआईबी की वेतन वृद्धि का लाभ यथावत जारी किया जाना चाहिए। सहकारी बैंकों में शाखाओं एवं पैक्स स्तर पर प्रभावी निरीक्षण, नियन्त्रण एवं अनुशासन के लिए सीसीबी में फिल्ड कार्य के लिए ऋण पर्यवेक्षक पदों की उपयोगिता को देखते हुए बैंक में ऋण पर्यवेक्षक पद बहाल किये जाने चाहिए। शाखाओं एवं पैक्स में हो रहे गबन, वित्तीय अनियमितता एवं भ्रष्टाचार से सहकारी बैंकों की छवि खराब हो रही है। सहकारी बैंकांे में कार्मिकों की प्रभावी स्थानांतरण नीति लागू की जानी चाहिए। आमेरा ने सहकारी बैंकों के कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा के लिए पेंशन एवं आरजीएचएस चिकित्सा सुविधा लागू किये जाने की भी मांग की।

सहकारी बैंक कर्मियों की सम्भागीय बैठक को उदयपुर से प्रिंस गहलोत, गणपत सोनी, आर.एस पंवार, वैभव गौड, रमेश गोयल, मधु गोयल, बांसवाड़ा से लोकेश श्रीमाल, राहुल सक्सेना एवं चयन द्विवेदी, डॅूगरपुर से दूर्ग नारायण सिंह, ओमप्रकाश गोदारा, पीयूष विश्नोई प्रतिनिधियों ने सम्बोधित करते हुए सहकारी बैंकों की आर्थिक मजबूती एवं बैंक कर्मियों की खुशहाली के लिए यूनियन के साथ संगठित एवं एकजूट रहने का आह्वान किया।

सहकारी बैंक कर्मियों की बैठक को राज्य प्रतिनिधियों में अपेक्स बैंक से सर्वेश चैधरी, दिलीप सिंह जादम, विनोद मीणा, जयपुर केन्द्रीय सहकारी बैंक से रिपू सदन आबूसरिया, हेमन्त वर्मा एवं मनीष गंगवाल ने भी सम्बोधित करते हुए कार्मिक, किसानों, ग्राहकों के हित में सहकारिता से समृद्वि के लिए सहकारिता में सहकार भाव से एकजुटता व सक्रियता के लिए आह्रवान किया। 

सभा के अंत में अध्यक्ष राजेश टेलर द्वारा धन्यवाद ज्ञापित कर सभा का समापन किया गया 


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