सीओपी 29, जो संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मेलन (यूएनएफसीसीसी) के अंतर्गत होता है, इस साल अज़रबैजान की राजधानी बाकु में आयोजित हो रहा है, जिसमें भारत समेत 190 से अधिक देशों ने भाग लिया है। सीओपी 29 सम्मेलन में भारत ने विकासशील देशों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपनी मुख्य अपेक्षाएं व्यक्त की है। भारत का मानना है कि सीओपी 29 एक ऐसा अवसर है जहां स्थिर विकास, संतुलित क्लाइमेट एक्शन और सस्टेनेबिलिटी कंस्ट्रक्शन के लक्ष्य को आगे बढ़ाया जा सकेगा।
प्रदूषण रोकने के प्रयासों के लिए आगे आए विकसित देश
भारत समान सीबीडीआर के सिद्धांत पर कायम है, जिसके अनुसार विकसित देशों को प्रदूषण रोकने के प्रयासों और क्लाइमेट फाइनेंस में आगे आना चाहिए क्योंकि इन देशों ने बीते सालों में अधिक प्रदूषण किया है। भारत का मुख्य फोकस नई सामूहिक निर्धारित लक्ष्य (एनसीक्यूजी) के अंतर्गत क्लाइमेट फाइनेंस का पुनर्निर्धारण है। एनसीक्यूजी के अंतर्गत अमीर देशों को गरीब देशों में जलवायु परिवर्तन परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहयोग करना चाहिए। भारत लंबे समय से इस बात का समर्थन करता आ रहा है कि क्लाइमेट फाइनेंस सहायता अनुकूलन के लिए होनी चाहिए, जो गरीब देशों के लिए आसानी से उपलब्ध हो। सीओपी 29 में भारत इस दिशा में संतुलन लाने की उम्मीद रखता है।
अदाणी का पॉल्यूशन कंट्रोल पर बड़ा प्रोग्राम
अदाणी समूह ने पॉल्यूशन को कम करने के लिए देश में सबसे बड़ा प्रोग्राम शुरू किया है। रिपोर्ट के अनुसार अदाणी नेट जीरो पॉल्यूशन का टारगेट हासिल करने के लिए अहमदाबाद के कुछ हिस्सों में घरों में सप्लाई की जाने वाली पाइप नेचुरल गैस में ग्रीन हाइड्रोजन मिक्स करने का काम शुरू किया है। समूह के मुताबिक फ्रांस के एनर्जी सेक्टर कि दिग्गज कंपनी टोटल एनर्जीज के साथ समूह की सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन यूनिट, अदाणी टोटल गैस लिमिटेड ने अहमदाबाद के शांतिग्राम में पाइप वाली नेचुरल गैस सप्लाई में 2.2-2.3% ग्रीन हाइड्रोजन का मिश्रण करना शुरू कर दिया है। यह परियोजना 4 हजार घरेलू और कमर्शियल उपभोक्ताओं को निर्बाध हाइड्रोजन-मिश्रित प्राकृतिक गैस प्रदान करेगी। वर्तमान में, पब्लिक सेक्टर की बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी गुजरात के सूरत जिले के कवास में ग्रीन हाइड्रोजन मिश्रित प्राकृतिक गैस की सप्लाई करती है। गेल (इंडिया) लिमिटेड भी मध्य प्रदेश के इंदौर में ग्रे हाइड्रोजन के साथ सीएनजी की सप्लाई के लिए एक छोटे पायलट प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। हाइड्रोजन को प्राकृतिक गैस के साथ मिलाकर ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम होता है और ये ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाती है।
ऊर्जा परिवर्तन पर भी भारत का फोकस
ऊर्जा परिवर्तन पर भी भारत का फोकस है, और सीओपी 29 से उम्मीद है कि यह ऊर्जा बदलाव को न्यायपूर्ण और विकासशील देशों के लिए उपयुक्त बनाए। भारत चाहता है कि ऊर्जा परिवर्तन में किसी प्रकार का अत्यधिक बोझ न हो और विकासशील देशों के लिए पर्याप्त सहयोग दिया जाए। भारत चाहता है कि कार्बन मार्केट पर चर्चा में व्यापार की मुश्किलों को कम करने पर ज़ोर देना चाहिए और कार्बन क्रेडिट सिस्टम को ऐसा होना चाहिए, जिससे कार्बन डेवलपमेंट को कम प्रोत्साहन मिले। भारत की तरफ से पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह 19 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। सम्मेलन में भारत का मुख्य वक्तव्य 18-19 नवंबर को होना तय है।