बीकानेर । राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के अध्यक्ष शिवराज छंगाणी का सम्प्रति संस्थान, उदयपुर की ओर से उनकी सुदीर्घ साहित्य-सेवाओं के लिए बुधवार को अकादमी सभागार में ‘साहित्य मनीषी रत्न’ की उपाधि प्रदान की गई।
इस अवसर पर अकादमी अध्यक्ष श्री छंगाणी ने कहा कि यह उनका नहीं, पूरे प्रदेश के राजस्थानी साहित्यकारों का सम्मान है। उन्होंने बताया कि अकादमी द्वारा शीघ्र ही राजस्थानी भाषा-साहित्य के प्रचार-प्रसार की दिशा में अनेक साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। सम्प्रति संस्थान के सदस्य डाॅ. सतीश मेहता ने शिवराज छंगाणी के व्यक्तित्व-कृतित्व पर प्रकाश डाला तथा संस्थान के संरक्षक डाॅ. महेन्द्र भानावत के संदेश का वाचन किया।
अकादमी सचिव शरद केवलिया ने कहा कि श्री छंगाणी ने छह दशक से अधिक समय से राजस्थानी एवं हिन्दी भाषा-साहित्य तथा शिक्षा के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान दिया है। प्रो. नरसिंह बिन्नाणी ने प्रशस्ति-पत्र का वाचन किया। कल्पना नागौरी ने कार्यक्रम संचालन किया तथा डाॅ. कविता मेहता ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर अतिथियों द्वारा श्री छंगाणी का प्रशस्ति-पत्र, साफा, कावड़, माल्यार्पण, संस्थान द्वारा प्रकाशित पुस्तकें व पाक्षिक पत्र ‘शब्द रंजन’ भेंट कर सम्मान किया गया। संस्थान की ओर से अकादमी सचिव शरद केवलिया को भी माल्यार्पण, शाॅल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में इन्द्र कुमार छंगाणी, सुशील छंगाणी, आदित्य व्यास, कानसिंह, मनोज मोदी, आनंद छंगाणी, लाल मोहम्मद सहित बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे।