उदयपुर | 14 से 30 जनवरी तक मनाये जाने वाले पशुकल्याण पखवाडें पर भूपाल नोबल्स संस्थान के प्रथम छात्र ठाकुर मोती सिंह जगावत की स्मृति में जीव जन्तुओं के प्रति प्रेम एवं दयाभाव जाग्रत करने की दृष्टि से उनके पौत्र सत्यपालसिंह चुण्डावत द्वारा संकलित सामग्री को राजनोबल्स द्वारा प्रकाशित करवा कर संस्थान के प्रताप चौक में विद्या प्रचारणी सभा की कार्यकारिणी द्वारा कैलेंडर का लोकार्पण किया गया। जिसमें बीएन स्कूल प्राचार्य डाॅ.विरेन्द्रसिंह चुण्डावत ने पशुकल्याण पखवाडा मनाने की भूमिका पर प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता व समन्वयक सत्यपालसिंह ने बताया कि जीव-जन्तुओं की रक्षा से ही पर्यावरण का संतुलन हो पायेगा। उन्होनें बताया कि जान हैं तो जहान हैं, कि बजाय हमें इस पर जोर देना होगा कि जहान हैं तो जान हैं। क्योंकि प्रकृति में सभी एक दुसरे पर आश्रित हैं, जिससे इस प्रकृति पर जीवन सुगम हो पाता हैं। पालतू मवेशियों के बीमार या असहाय होने पर इनकी चिकित्सा व सेवा करना ही मानवता की निशानी हैं। पशु क्रुरता निवारण अधिनियम के तहत चारा, दाना पानी की माकूल व्यवस्था नहीं करना, इनकी पिटाई करना, ठोकर मारना, मूक पशु पर अधिक भार लादना, भूख प्यास व बीमारी से पिडित पशु से काम लेना, जीवों की हत्या व उन्हें बंदी बनाना दण्डनीय अपराध है। व्याख्यान के बाद सभी छात्र-छात्राओं व अध्यापकों ने जीवदया व पशु कल्याण हेतु नौ विशिष्ट संकल्प लिये, जिसके साथ ही अपने अपने मोहल्ले में सम्पर्क कर चेतना लाकर जन-जन से संकल्प पत्र भरवायेगे। इस अवसर पर संस्थान के उपाध्यक्ष डॉ जब्बर सिंह टाडावाडा, मंत्री डॉ महेन्द्रसिंह आगरिया, प्रबंधक निदेशक मोहब्बतसिंह राठौड़, रजिस्ट्रार डॉ निरजंननारायण सिंह खोड, नकुलसिंह भाटी, गजेंद्र सिंह घटियावली, भवानीप्रतापसिंह झाला, रघुवीर सिंह मदारा आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर संस्थान के विभिन्न प्रकल्पों में पशु कल्याण पखवाडे के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताएं करवा जन जागरण का संकल्प लिया गया।