उदयपुर | भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय के बी. एन. इंस्टीट्यूट आफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज, द्वारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, राजस्थान सरकार से अनुदानित सेमिनार का आयोजन किया गया। "एमपावरिंग फार्मा विद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: इन्नोवेशन, चैलेंज एंड फ्यूचर डायरेक्शंस" विषयक सेमिनार के मुख्य अतिथि डॉ.विपिन माथुर, प्रिंसिपल, रविंद्रनाथ टैगोर मेडिकल कॉलेज, उदयपुर ने उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए कहा कि दुनिया भर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस( एआई) के आधार पर ग्लोबल हेल्थ सिस्टम में नवाचार हो रहे हैं इसी क्रम में भारतीय फार्मेसी सेक्टर मे एआई का समावेश कर अधिक से अधिक काम करने की आवश्यकता है उन्होंने कहा कि एआई की मदद से फार्मेसी क्षेत्र में अपार संभावना है जिन्हें खोज कर हेल्थ केयर सिस्टम में भरपूर योगदान दिया जा सकता है। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना के साथ बीएनआईपीऐस के प्राचार्य डॉ. चेतन सिंह चौहान के स्वागत भाषण से हुआ। इस अवसर पर संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष कर्नल प्रो शिव सिंह सारंगदेवोत और सचिव डॉ. महेंद्र सिंह आगरिया ने एआई के विभिन्न उपयोगों के बारे में उज्जवल और श्याह दोनों पक्षों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम सचिव डॉ. मीनाक्षी भरकतिया ने सेमिनार की रूपरेखा प्रस्तुत की। प्रथम व्याख्यान में एल .एम. कॉलेज आफ फार्मेसी, अहमदाबाद के डॉ. केतन रांच ने दवाओ के निर्माण एवं विकास में एआई के समायोजन पर अपनी बात रखते हुए बताया कि अलग-अलग टूल्स का उपयोग कम से कम समय में दवाओ को अधिक कारगर बनाने के लिए किस प्रकार किया जा सकता है तथा एआई की मदद से दवाओं व्यक्ति विशेष के लिए डिजाइन किया जा सकता है। द्वितीय व्याख्यान में औत्सुका फार्मास्यूटिकल लिमिटेड, अहमदाबाद के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. कश्यप नागरिया ने उनके द्वारा एआई की मदद से विकसित विभिन्न टूल्स जैसे: ड्रग्बैंक.कॉम, फार्म ईसडी, पबकेमऔर फॉर्मूलेशनएआई के उपयोग के बारे में समझाया। कार्यक्रम में विद्या प्रचारिणी सभा के प्रबंध निदेशक मोहब्बत सिंह रूपा खेड़ी, संयुक्त सचिव राजेंद्र सिंह थाणा, रजिस्ट्रार डॉ. एन.एन. सिंह राठौड़, फार्मेसी चेयरमैन महेंद्र सिंह पाखंड, कार्यकारिणी सदस्य नवल सिंह जूड, हनुमंत सिंह बोहेडा, महेंद्र सिंह पाटिया, कमलेश्वर सिंह कच्छेर, फार्मेसी डीन, डॉ.युवराज सिंह सारंगदेवोत आदि ने शिरकत कर प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया। तृतीय व्याख्यान में अहमदाबाद की डॉ.राधिका पांडया ने एआई इकोसिस्टम में शोध के बारे में बताते हुए भारत सरकार एवं अन्य अनुदान देने वाले संस्थानों की मदद से शिक्षा एवं इंडस्ट्री का संयोजन कर एआई आधारित विकास करने के तरीके समझाएं। कार्यक्रम में भाग लेने वाले लगभग 350 विद्यार्थियों को एआई आधारित शोध के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में आर एन टी मेडिकल कॉलेज उदयपुर के प्रो हरचरण सिंह ने उम्मीद जताई कि सेमिनार द्वारा एआई का समायोजन कर फार्मेसी एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में नवाचारों के लिए नई राह निकलेगी। सेमिनार में राजस्थान के विभिन्न फार्मेसी कॉलेज के प्राचार्य एवं निदेशकों डॉ.अशोक दशोरा, डॉ. अलका अग्रवाल, डॉ. राहुल गर्ग, डॉ. आरएस भदौरिया, डॉ. जयेश द्विवेदी, डॉ. रितु भार्गव, डॉ. प्रियंका चौहान, डॉ. उदिचि कटारिया डॉ.उदयभान आदि ने भी भाग लिया। सेमिनार में देश भर के विद्यार्थियों द्वारा पोस्टर प्रतियोगिता में 85 पोस्टरो का प्रदर्शन किया गया। जिसमें डॉ. गर्विता जोशी, डॉ. गरिमा जोशी, डॉ.सुनीता पंचावत, डॉ. विवेक जैन ने निर्णायक की भूमिका निभाई। मीडिया प्रभारी डॉ. कमल सिंह राठौड़ एवं डॉ.भूपेंद्र व्यास ने बताया कि ई-पोस्टर में मोनिका वर्मा, देवांशी वाघेला एवं अंकिता दुबे ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया तथा पोस्टर प्रदर्शनी में प्रथम कुशाग्र यादव द्वितीय चैतन्य भट्ट व नैंसी बदलानी तथा तृतीय उमेहानि, सीपी जोशी, रिदम सिसोदिया रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रियदर्शनी कांबले ने बखूबी किया। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कॉलेज के प्राध्यापको डॉ. अंजु गोयल, डॉ. एम.एस. राणावत, डॉ.कोमल शर्मा, डॉ.आरपीएस राठौड़, आलोक भार्गव, डॉ.अमूल मिश्रा, डॉ.एचपी सिंह, डॉ.दीपक मारोठिया, डॉ.अमित भार्गव, डॉ.रजत वैष्णव, डॉ.गजेंद्र सिंह राठौड़, डॉ.अनिरुद्ध देवड़ा, सुश्री मूमल देवड़ा, डॉ.महेंद्र सिंह सोलंकी, प्रदीप चुंडावत, सुरेंद्र सिंह दलावत सहित सभी संकाय सदस्यों ने योगदान किया। अंत में कार्यक्रम सचिव डॉ. मीनाक्षी भरकतिया ने अतिथियों एवं सहभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।