भूपाल नोबल्स स्नातकोत्तर महाविद्यालय के दृश्य कला विभाग द्वारा गुरुनानक देव जी की 555 वीं जयंती का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने गुरु नानक देव के जीवन से जुड़ी कला कृतियों का निर्माण किया। महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. रेणु राठौड़ ने बताया कि यह कार्यक्रम विभागाध्यक्ष डॉ. कंचन राणावत के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने अपनी उत्कृष्ट कलात्मकता का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में गुरु नानक देव के जीवन, उदासियों और उनके आदर्शों को विशेष रूप से चित्रित किया गया। गुरू नानक देव का बाल्यकाल से ही ईश्वर की भक्ति में मन लगता था। वो हमेशा ही लोगों की सेवा करते थे और संतो से काफी प्रभावित होते थें। अपने पिता के कहने पर उन्होंने पारिवारिक जीवन तो बसा लिया परन्तु ज्यादा दिन तक उसमें नहीं रह सके और 37 वर्ष की अवस्था में लोगों को ईश्वर और धर्म के प्रति उपदेश देने निकल गए। आगे चलकर उन्होंने 15वीं शताब्दी में केवल एक ईश्वर और गुरुओं पर आधारित धर्म ‘सिख धर्म’ की स्थापना की इस दिन को खास तरीके से मनाया जाता है, उन्होंने पांच उदासी यात्राओं द्वारा भारत भ्रमण किया। कार्यक्रम में भाग लेने वाले छात्र-छात्राओं में दिनेश वागरिया, गौरव सिंह सिसोदिया, कुलदीप सिंह देवरा, रितु डेब, सुरेंद्र सिंह पंवार, सुरेंद्र सिंह देवरा और भरत धाकड़ आदि शामिल थे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन कर्नल प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत, प्रेसिडेंट डॉ. महेन्द्र सिंह आगरिया, प्रबंध निदेशक मोहब्बत सिंह रूपाखेड़ी और कुल सचिव डॉ. एन एन सिंह राठौड़ ने सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं। यह जानकारी जनसंपर्क अधिकारी डॉ. कमल सिंह राठौड़ ने दी।