उदयपुर। भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद् की बैठक विश्वविद्यालय के चैयरपर्सन प्रो. कर्नल शिवसिंह सारंगदेवोत की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में विश्वविद्यालय के अकादमिक उन्नयन के लिए विस्तार से विचार विमर्श हुआ। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा हुई। विश्वविद्यालय के नैक मूल्यांकन के संबंध में कार्ययोजना बनाने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही विभिन्न अकादमिक एवं विश्वविद्यालय संबंधी आवश्यक मुद्दों पर नीतिगत निणर्य लिये गये। अध्यक्षता करते हुए कर्नल प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लक्ष्य विद्यार्थियों को भारतीय मूल्यों के साथ वैश्विक संदर्भों के लिए तैयार करना है। इसके साथ ही विद्यार्थियों को उसकी सुविधानुसार अध्ययन करने का अवसर भी प्रदान करती है। विश्वविद्यालय को वैश्विक दृष्टि से तैयार होना चाहिए और विदेशी विद्यार्थियों को भी विश्वविद्यालय में अध्ययन हेतु प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए हमें समस्त प्रयास करने होंगे।
इस अवसर पर प्रेसिडेन्ट डाॅ. महेन्द्र सिंह राठौड़ ने उद्बोधन देते हुए नए समय के साथ अध्यापकों को अद्यतन रहने के लिए प्रेरित किया और तकनीकी प्रविधियों के साथ अध्यापन की आवश्यकता प्रतिपादित की। कुल सचिव डाॅ. निरंजन नारायण सिंह राठौड़ ने भी विभिन्न ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की जानकारी दी और कहा कि विद्यार्थियों को इन पाठ्यक्रमों से जोड़ा जाना चाहिए जिससे उनके व्यक्तित्व विकास को नया आयाम मिल सके। इस अवसर पर विद्या प्रचारिणी सभा के संयुक्त सचिव राजेन्द्र सिंह ताणा ने भी विचार व्यक्त किये। इससे पूर्व विश्वविद्यालय रिसर्च बोर्ड की बैठक हुई जिसमें गुणवत्तापूर्ण शोध, इथिकल शोध, आदि के बारे में विचार-विमर्श किया गया। इसके साथ ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मापदण्ड के अनुसार शोध पाठ्यक्रम बनाया गया और इसे स्वीकृत किया गया। शोध की सामाजिक उपादेयता को ध्यान में रखकर शोध कराये जाने को लेकर नीतिनिर्धारण किया गया। बैठक का समन्वय पी जी डीन स्टडीज डाॅ. प्रेम सिंह रावलोत ने किया। इस बैठक में परीक्षा नियंत्रक, विभिन्न संकायों के अधिष्ठातागण, निदेशक, विभागाध्यक्ष, आदि उपस्थित थे।