मंदिर ट्रस्टी सुमन बाहेती ने बताया कि आज सुबह श्रंगार में चांदी के पालने में लाडले लालजी को विराजित किया, जिसके मनोरथी मंदिर की फूल घर की मंडली थी, उसके बाद राजभोग में ठाकुरजी चांदी के बंगले में विराजित हुए, जिसमे ठाकुरजी का माला, तिलक आरती हुई।
दिन में 4 बजे भजन संध्या में गौवत्स दिव्यांशु दाधीच ने ठाकुरजी के सम्मुख अपने भजनों से ठाकुरजी को रिझाया, जिसमे भक्त जनों से उत्साह से नाच कर आनंद लिया ।
शाम को दीप दान , हटरी का मनोरथ हुआ, जिसमे ठाकुरजी को दीपों के साथ फूलझड़ी भी धराई गई ।
कल दिन में 3 बजे से भजन अंतराक्षरी, युगल, समूह नृत्य (धार्मिक) स्पर्धाएं होगी, शाम 6.30 बजे कान जगाई के दर्शन होंगे ।