बाड़मेर- एनीमिया मुक्त राजस्थान अभियान के तहत एनीमिया मुक्त जैसलमेर के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन रेफ ग्लोबल और एल्केम फाउंडेशन एवं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से स्वास्थ्य भवन कॉन्फ्रेंस हॉल में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेंद्र कुमार पालीवाल व उप निदेशक महिला बाल अधिकारिता अशोक गोयल, अतिरिक्त सीएमएचओ डॉ मुरलीधर सोनी ,जिला शिक्षा अधिकारी शंकर सिंह उदावत के सानिध्य में शुक्रवार को किया गया, कार्यशाला मे समस्त बीसीएमएओ एव चिकित्सा अधिकारी प्रभारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सीडीपीओ, बीपीएम, बीएचएस, आशा सहयोगिनी और एक्सपर्ट की उपस्थिति में आयोजित कार्यशाला में एनीमिया की रोकथाम में आयरन, फोलिक एसिड के महत्व की जानकारी दी गई । इस परामर्श का मुख्य उद्देश्य एनीमिया की वर्तमान स्थिति का विश्लेषण करना, एनीमिया मुक्त ग्राम पंचायतों के निर्माण की रणनीति बनाना, प्रमुख चुनौतियों की पहचान करना और प्रभावी समाधान विकसित करना था। इसके अलावा, रेफ ग्लोबल द्वारा चयनित 15 गांवों के डाटा का विश्लेषण किया गया, तथा लाखाराम का गांव और सलखा जैसे एनीमिया मुक्त गांवों की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की गई।
कार्यक्रम की शुरुआत *एरिया मैनेजर करिश्मा भाटी तंवर ने* की, जिन्होंने आज के कार्यक्रम के उद्देश्य और अब तक किए गए कार्यों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। इसके पश्चात, *रेफ ग्लोबल की रीजनल मैनेजर मीनू जी* ने पिछले दो वर्षों में किए गए कार्यों और उनके प्रभावों पर विस्तृत प्रस्तुति दी, जिसमें जमीनी स्तर पर हुए बदलावों, सफल हस्तक्षेपों और भविष्य की रणनीतियों को स्पष्ट किया गया।
इस अवसर पर चिकित्सा विभाग के डीपीएम् विजय सिंह , जिला कार्यक्रम समन्वयक रेफ के जिला समन्यक चन्दन सिंह भाटी, सीनियर कार्यक्रम अधिकारी करिश्मा भाटी तंवर, सोनाराम ,राजेंद्र सिंह चौहान ,महिपाल सिंह भाटी ,सहित टीम रेफ ग्लोबल उपस्थित थी
सीएमएचओ डॉ राजेंद्र कुमार पालीवाल ने कहा कि अनीमिया मुक्त जैसलमेर बनाने में सबको सामूहिक रूप से अपनी भूमिका अदा करनी होगी। विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ ही बच्चों, किशोरियों व महिलाओं को स्वयं एवं उनके परिजनों को इसमें योगदान देना होगा। पोष्टिक आहार के साथ ही हमें अनीमिया के प्रति जागरूक होना बेहद जरूरी है। एनीमिया के कारण मातृ-शिशु मृत्यु दर में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। इसके लिए जन्म के तुरंत बाद समय से ही शिशु के प्रति ख्याल व धात्री माता को पौष्टिक आहार देने में कमी नहीं करें। आशा को अपने-अपने क्षेत्रों में गृह भ्रमण कर माताओं को आयरन फोलिक सिरप पिलाने की विधि आदि के बारे में जानकारी देने पर बल दिया गया।उन्होंने गांव ढाणी स्तर पर ऐसे महिलाओं, बालिकाओं, और शिशुओं को चिन्हित कर उन्हें लाभान्वित करने की बात कही, उन्होंने जैसलमेर को एनीमिया मुक्त करने के लिए गंभीर और सार्थक प्रयास करने पर बल दिया |
उप निदेशक महिला बाल अधिकारिता अशोक गोयल, ने कहा कि महिलाएं एवं किशोरी खून की कमी से ज्यादा ग्रसित रहती हैं। विशेषकर ग्रामीण इलाकों में महिलाएं जानकारी के अभाव में तथा पोषक तत्वों की कमी की वजह से एनीमिया की शिकार हो रहीं हैं । उन्होंने रेफ ग्लोबल द्वारा सम के गांवों में एनीमिया मुक्त कार्यक्रम चलाने और उसके सार्थक परिणाम मिलने की सराहना करते हुए कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर इसको अभियान के रूप में चलना होगा, घर घर सर्वे कर पहले आंकड़े एकत्रित कर वहां नियमित शिविर लगाए जाए, तथा पोषक आहार के बारे में अधिक से अधिक जागरूकता अभियान चलाये जाए, : उन्होंने सुझाव दिया कि एनीमिया की दर को कम करने के लिए विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर नियमित आयरन सप्लीमेंटेशन, स्क्रीनिंग और उपचार सुनिश्चित किया जाए।
*मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी श्री शंकर सिंह उदावत ने कहा कि सरकारी विद्यालयों में आयरन फोलिक एसिड की गोलियां वितरित की जाती हैं और शक्ति दिवस प्रभावी रूप से मनाया जाता है। साथ ही, उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि एचबी लेवल मापने के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं हैं।
जिला कार्यक्रम समन्वयक विजय सिंह ने बताया की साप्ताहिक आयरन फॉलिक एसिड कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिसके तहत विद्यालयों व आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को आयरन की दवा दी जा रही है। प्रतिमाह स्वास्थ्य केन्द्रो पर एनीमिया मुक्त कार्यक्रम शक्ति अभियान चलाया जाकर एनीमिया पीड़ितों को राहत प्रदान की जा रही हैं | उन्होंने शहरी क्षेत्रों में भी इस अभियान को लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
बैठक में *कादर बक्शी (कम्युनिटी ऑफिसर,कनोई ने कहा* कि रेफ ग्लोबल और स्वास्थ्य विभाग ने मिलकर एनीमिया स्क्रीनिंग गांव कनोई, लखाराम राम का गांव, सलखा में कि गई जिसमें कई एनीमिक महिलाएँ और लोग पहचाने गए। इन्हें आयरन-फोलिक एसिड, साप्ताहिक फॉलो-अप और संतुलित आहार दिया गया, जिससे कई लोग एनीमिया से बाहर आए।
व्याख्याता दीपिका रंगा*ने विद्यालय स्तर पर आयरन सप्लीमेंटेशन और मासिक फॉलोअप की प्रक्रिया का विस्तृत विवरण दिया।
उसके बाद रेफ ग्लोबल की *विलेज फैसिलिटेटर फातमा* ने बताया कि तुर्कों की बस्ती, मांगलियावास में जागरूकता की कमी थी, लेकिन रेफ ग्लोबल द्वारा स्क्रीनिंग और आयरन-फोलिक एसिड, संतुलित एवं घरेलू आहार के अभ्यास से कई लोगों का हीमोग्लोबिन स्तर 12g/dl से ऊपर पहुंच गया, जिससे अब कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या नहीं हो रही है।
*मनीष कुमार पीरामल फाउंडेशन* ने कहा कि जैसलमेर एक आकांक्षी जिला" कहा जाता है। यह भारत सरकार की एक पहल है, जिसके तहत देश के पिछड़े जिलों का समग्र विकास किया जाता है, ताकि वे शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, जैसे क्षेत्रों में तेजी से प्रगति कर सकें। उन्होंने कहा कि आपसी समन्वय बनाते हुए व्यापक जागरुकता अभियान चला कर एनीमिया पर नियंत्रण की अपील की जा रही है
वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी कार्यक्रम करिश्मा भाटी तंवर ने रेफ ग्लोबल द्वारा जैसलमेर में किये जा रहे कार्यों की जानकारी साझा की इधर कार्यशाला में जैसलमेर को एनीमिया मुक्त करने के लिए पंचायत राज की भूमिका, मिडिया की भूमिका और स्वास्थ्य विभाग की भूमिका पर पेनल चर्चा की गयी, ब्लॉक की लाभार्थी महिलाओं ने अपनी बात राखी,इससे पहले रेफ ग्लोबल द्वारा अतिथियों का साफा और शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया गया कार्यकर्म का संचालन करिश्मा भाटी तंवर ने किया |