बांसवाड़ा | बांसवाड़ा की विशिष्ट प्रतिभा कैप्टन डॉ. सृजन बुट्टे को भारतीय सेना की विशेष इकाई रिमाउन्ट वेटेरिनरी कोर(आर.वी.सी.) में सेवाओं का अवसर प्रदान किया गया है। सोमवार को मेरठ के आरवीसी सेन्टर एण्ड कॉलेज में इण्डियन आर्मी की ओर से आयोजित पासिंग आउट परेड (पिपिंग सेरेमनी) में मुख्य अतिथि मेजर जनरल एस.एस. बालाजी व अपने परिवार की मौजूदगी में फीता लगाकर कैप्टन डॉ. सृजन बुट्टे को नियुक्ति प्रदान की गई।
पासिंग आउट परेड पिपिंग सेरेमनी के अवसर पर उपस्थित डॉ. सृजन बुट्टे के पिता डॉ. शेखर बुट्टे एवं उनकी माताश्री श्रीमती डॉ. संगीता बुट्टे को भी भारतीय सेना की ओर से अपनी संतान देश को समर्पित करने के लिए गौरव पदक प्रदान कर सम्मानित किया गया।
*शिक्षा-दीक्षा बांसवाड़ा में*
डॉ. सृजन बुट्टे ने प्राथमिक शिक्षा न्यू लुक स्कूल परतापुर तथा उच्च माध्यमिक शिक्षा न्यू लुम स्कूल लोधा में प्राप्त करने के उपरान्त नागपुर के वेटेरिनरी कॉलेज से पशु चिकित्सा विज्ञान में स्नातक एवं अधिस्नातक उपाधि हासिल की।
इसके बाद भारतीय सेना की आरवीसी विशेष इकाई में चयन होने पर बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग और टेक्नीकल ट्रेनिंग पूर्ण करने पर उन्हें यह नियुक्ति प्रदान की गई। इसके लिए देश भर से मात्र 12 जनों का ही चयन किया गया, जिनमें से डॉ. सृजन बुट्टे शामिल हैं।
*माता-पिता दोनों बांसवाड़ा में राजकीय सेवारत*
उल्लेखनीय है कि डॉ. सृजन बुट्टे का परिवार मूलतः नागपुर (महाराष्ट्र) का रहने वाला है लेकिन उनके माता-पिता आरंभ से ही बांसवाड़ा में राजकीय सेवारत रहे हैं। उनके पिता डॉ. शेखर बुट्टे इस समय पशुपालन विभाग, बांसवाड़ा में उप निदेशक के पद पर कार्यरत हैं जबकि माता डॉ. संगीता बुट्टे आयुर्वेद विभाग, बांसवाड़ा में आयुर्वेद चिकित्सक के पद पर सेवारत हैं।
अपने पिता के मार्गदर्शन में पशु चिकित्सा क्षेत्र के उच्चतम प्रशिक्षण के उपरान्त भारतीय सेना में कैप्टन पद पर पहुंचे डॉ. सृजन बुट्टे ने बांसवाड़ा जिले का गौरव बढ़ाया है। यह पहला अवसर है जब भारतीय सेना की इस विशेष कोर में बांसवाड़ा की प्रतिभा को स्थान प्राप्त हुआ है।