बांसवाड़ा। राजस्थान की भजनलाल सरकार की कैबिनेट ने सरकारी कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करने को लेकर बनी खेमराज कमेटी की सिफारिशों का अनुमोदन तो कर दिया लेकिन इसे सार्वजनिक और लागू करने को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की है. ऐसे में सरकारी कर्मचारियों का बड़ा वर्ग महासंघ और शिक्षक संघ आज तक वेतन विसंगतियां पर बनी विभिन्न कमेटियों की रिपोर्ट सार्वजनिक करके लागू करने की मांग कर रहा है।
उल्लेखनीय हैं कि भजनलाल सरकार ने 1 सितंबर 2024 से सरकारी कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करने को लेकर बनी कमेटी की रिपोर्ट लागू करने की बजट घोषणा की थी इसके बाद से ही कर्मियों के मन में दशकों पुरानी वेतन विसंगति दूर होने की आस जगी
30 नवंबर को हुई भजनलाल कैबिनेट की बैठक में खेमराज कमेटी की सिफारिशें अनुमोदित तो कर दी हैं लेकिन न तो इन्हें सार्वजनिक किया गया और न ही लागू करने के समय को लेकर स्थिति स्पष्ट की गई है।
*कमेटियों पर कमेटियाँ बनती गई परन्तु धरातल पर एक भी लागू नहीं*
कमेटियों पर कमेटियाँ बनती गई
लेकिन परिणाम शून्य
वेतन विसंगतियों के निकारण हेतु हर सरकार द्वारा कोरे कागजी आश्वासन ही मिलते रहे है वास्तविक धरातल पर किसी सरकार ने रिपोर्ट को सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं किया और रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद राजस्थान में सभी पूर्ववर्ती सरकारों ने बस्ते से रिपोर्ट बाहर नहीं आने दी।
*बोतल में से जिन्न कब और क्या निकलेगा*
पहली बार राजस्थान की भजनलाल सरकार ने वेतन विसंगतियों पर कैबिनेट ने
खेमराज कमेटी की सिफारिशें अनुमोदित कर दिया गया हैं। इससे कर्मचारियों में उत्सुकता बढ़ी है कि बोतल में से जिन्न कब और क्या निकलेगा यही कारण है कि संगठन रिपोर्ट को सार्वजनिक करने ओर संगठनों से वार्ता कर लागू करने की मांग कर रहे हैं।
*क्यों लागू नहीं होती कमेटियों की सिफारिशें*
हमेशा केन्द्र सरकार द्वारा वेतन आयोग गठित करने ओर प्राप्त रिपोर्ट प्रस्तुत करने पर वेतन श्रृंखला,ग्रेड पे सहित विभिन्न भत्तों पर घोषणा कर लागु करती हैं जिसे राजस्थान सरकार पूरी रिपोर्ट को हूबहू लागू करने की जगह कटौतियाँ कर लागू करती है ।
*रिपोर्ट लागु करने में भी भेदभाव*
अधिकतर वेतन आयोग कि रिपोर्ट में अखिल भारतीय सेवाओं के कार्मिक जिनमें आईएएस, आईपीसी शामिल हैं को केंद्र के समान वेतन श्रृंखला ओर भत्ते प्राप्त होते हैं किन्तु मातहत कर्मचारियों जिनमें
पायोंन,मंत्रालयिक ,ओर शिक्षकों के साथ भेदभाव ज्यादा होता है और उन्हें कमतर वेतन श्रृंखला ओर ग्रेड पे दी जाती है इसी से वेतन विसंगतियां उत्पन्न होती हैं।
जोकि अगले वेतन आयोग तक बनी रहती है। फ़िर अगले में सरकार इन्हें कटौती कर वेतन श्रृंखला देती है।
राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम के प्रदेश शैक्षिक प्रकोष्ठ सह सचिव अरुण व्यास ने बताया कि वेतन आयोग केंद्र सरकार द्वारा गठित किया जाता हैं और उसकी सिफारिशों को कुछ सशोधन के साथ स्वीकार करती हैं तो राज्य सरकार क्यों नहीं हूबहू लागू करती है।
*केंद्र और राज्य के वेतनमान में यह भारी अन्तर*
*समान काम - समान वेतन की उपेक्षा करता हुआ वेतन विसंगतियों को जन्म देता हैं*।
*ये हो सकतीं हैं खेमराज कमेटी की सिफारिशे*
दिव्यांग पदोन्नति में आरक्षण सुनिश्चित करना
*ये हैं प्रमुख मांगे*
- खेमराज कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करके लागू करने की मांग.
- सामंत कमेटी की भी सिफारिशों को उजागर करके लागू करने की मांग.
- ठेका प्रथा बंद करके सरकारी कंपनी का गठन किया जाए और इन कर्मियों को इस कंपनी के कर्मी बनाकर उन्हें जरूरी सुविधाएं दी जाएं.
- संविदा कर्मियों को या तो नियमित करने की मांग.
- आंगनबाड़ी कर्मियों,जनता जल कर्मियों को वैसे ही नियमित करने की मांग जिस तरह से पूर्व में अस्थायी कर्मियों को नियमित किया गया था
- चयनित वेतनमान (एसीपी) का लाभ 9, 18 व 27 वर्ष के स्थान पर 8, 16, 24 व 32 वर्ष पर पदोन्नति पद के सामान देने,
- ग्रामीण कर्मचारियों को ग्रामीण भत्ता देने की मांग.
- राजस्थान कांट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स- 2022 बनाए हैं लेकिन इसकी विसंगति दूर नहीं की है
- इसके मुताबिक कर्मचारी नियमित कर्मचारियों के बजाय कांट्रेक्चुअल नियमित कर्मचारियों के रूप में अलग से पहचाने जाएंगे और उनके वेतनमानों में भी नियमित कर्मचारियों की तुलना में काफी भिन्नता होगी.
- विभिन्न संवर्गों के पदनाम परिवर्तन सहित उनके सेवा नियम बनाने की मांग.
- सचिवालय में AS/PA-PS कैडर अलग करने संबंधी नियम संशोधन के अनुमोदन की मांग
*सामंत कमेटी*
- राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम, 2017 को लागू किए जाने के बाद राज्य कर्मचारी संघों से वेतन विसंगति व वेतन सुधार संबंधी ज्ञापन समय समय पर राज्य सरकार को प्राप्त होते रहें है
- इन प्रतिवेदनों का परीक्षण करने के लिए 3 नवंबर, 2017 को डी.सी. सामंत (सेवानिवृत आईएएस) की अध्यक्षता में वेतन विसंगति निवारण समिति का गठन किया गया था.
- इस समिति ने 5 अगस्त, 2019 को राज्य सरकार को अपनी सिफारिश रिपोर्ट प्रस्तुत की. यह रिपोर्ट राज्य सरकार में परीक्षणाधीन हैं.
- सामंत कमेटी ने कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों से कई दौर की बैठकें कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी
*खेमराज कमेटी*
- इसी तरह कर्मचारियों की वेतन विसंगति व वेतन सुधार को लेकर पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने 5 अगस्त, 2021 को खेमराज चौधरी (सेवानिवृत्त आईएएस) की अध्यक्षता में कर्मचारी वेतन विसंगति परीक्षण समिति का गठन किया
- समिति की ओर से विभिन्न कर्मचारी संगठनों, विभागों से वेतन विसंगति व वेत सुधार के संबंध में प्रस्तुत ज्ञापनों सहित अन्य मांगों का परीक्षण किया गया. समिति ने 30 दिसंबर, 2022 को अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत कर दी.
- इस रिपोर्ट की सिफारिशों को भजनलाल कैबिनेट ने 30 नवंबर 2024 को अनुमोदित किया है
*क्या हैं विसंगतिया*
- कर्मचारियों के अनुसार वेतन विसंगति में सबसे मुख्य यह है कि एक ही भर्ती प्रक्रिया में चयनित होते है, लेकिन वेतन और पदोन्नति में विसंगति है.
- सचिवालय में 4200 और सचिवालय के बाहर चयनित कर्मचारियों को 3600 वेतन श्रृंखला मिलती है. इसी तरह केन्द्र और राज्य कर्मचारियों के वेतन को लेकर दोहरी प्रक्रिया बनी हुई है
- गहलोत सरकार में हालांकि एसीपी संबंधी घोषणा से मामूली राहत मिली,लेकिन इससे मूल समस्या दूर नहीं हुई
उधर कैबिनेट अनुमोदन बाद अब राज्यपाल के अनुमोदन और फिर खेमराज कमेटी रिपोर्ट को सार्वजनिक करके लागू किया जा सकता है