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स्कूली पाठ्यक्रम में देशभक्ति और जनजाति गौरव के वीरों को शामिल करने की मांग

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20 Nov 24
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बांसवाड़ा। राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम ने स्कूली पाठ्यक्रम में देशभक्ति और जनजाति गौरव के वीरों को शामिल करने की मांग की है।

संगठन के प्रदेश शैक्षिक प्रकोष्ठ सह सचिव अरुण व्यास ने बताया कि राजस्थान के स्कूली पाठ्यक्रम में राष्ट्रीय भावना देशभक्ति,ओर वीरगाथा युक्त शिक्षा प्रदान करने वाली परम्परा 

का समावेश कमतर है इसकी जगह विदेशी आक्रांताओं का महिमा मंडन और महानता का गुणावेषण अधिक है जबकि प्रकृति पूजक सनातनी परम्पराओं को पाठ्यक्रम में राष्ट्रीय भावना को बढ़ावा देने की महत्ती आवश्यकता है।

पाठ्यक्रम में जनजाति बहुल क्षेत्रों के वीर राजा बांसिया चरपोटा की जीवनी सहित कई वीरों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए।

*राजस्थान के स्कूल के पाठ्यक्रम की समीक्षा होगी*

राजस्थान के स्कूलों की किताबों में गोधरा कांड को लेकर विवादित तथ्य पढ़ाने को लेकर शिक्षा विभाग एक्शन मोड में आ गया है।

*शिक्षा विभाग ने बनाई समीक्षा समिति, 30 दिनों में देगी रिपोर्ट*

 शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की आपत्ति के बाद अब विभाग ने राजस्थान के स्कूल के पाठ्यक्रम की समीक्षा करने का फैसला किया है। 

इसको लेकर 10 सदस्य स्कूली पाठ्यक्रम समीक्षा समिति का गठन किया गया है। जो अगले 30 दिनों में स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली किताबें का अध्ययन कर अपनी समीक्षा रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंपेगी।

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बताया- राजस्थान में स्कूलों के पाठ्यक्रम में कुछ अवांछनीय प्रसंग को और विषय को गलत तरीके से पेश किया गया है। 

ऐसे में पाठ्यक्रम की समीक्षा कर कैसे उसे राष्ट्रीय भावना से प्रेरित और परिपूर्ण किया जाएगा। इसको लेकर पाठ्यक्रम समीक्षा समिति का गठन किया गया है।

 यह समिति पाठ्यक्रम का अध्ययन कर उनमें अंकित अवांछनीय प्रसंग और विषय की रिपोर्ट बनाकर शिक्षा विभाग को देगी। उस रिपोर्ट का अध्ययन कर पाठ्यक्रम में संशोधन का फैसला किया जाएगा।

*सोडाणी बने समिति के अध्यक्ष*

शिक्षा विभाग द्वारा बनाई गई पाठ्यक्रम समीक्षा समिति का अध्यक्ष कुलपति वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा प्रोफेसर कैलाश सोडाणी को बनाया गया है। 

शिक्षाविद हनुमान सिंह राठौड़ समिति के उपाध्यक्ष होंगे। इसके साथ ही शिक्षाविद डी रामाकृष्ण राव सलाहकार और शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के विशेषाधिकारी सतीश कुमार गुप्ता सदस्य सचिव के तौर पर कार्य करेंगे।

इसके साथ ही समिति में पूर्व कुलपति कोटा यूनिवर्सिटी और पूर्व सदस्य राजस्थान लोक सेवा आयोग प्रोफेसर प्रमेंद्र कुमार दशोरा, पूर्व अध्यक्ष माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर, प्रोफेसर भारत राम कुमार, शिक्षाविद श्याम सुंदर बिस्सा, जयंतीलाल खंडेलवाल, कन्हैया लाल बेरीवाल को समिति का सदस्य नियुक्त किया गया है।

*समिति 30 दिनों में सौंपेगी रिपोर्ट*

प्रारंभिक शिक्षा (आयोजना) विभाग राजस्थान सरकार के आदेश के बाद बनी यह समीक्षा समिति राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के प्रावधानों और राज्य पाठ्यक्रम की रूपरेखा और राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के सभी स्कूली पाठ्यक्रम की विषय वस्तु, छायाचित्र, रेखाचित्र, सामग्री संकलन, व्याख्या का अध्ययन और समीक्षा कर अगले 30 दिनों में अपने सुझाव राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद उदयपुर को सौंपेगी। जहां से यह रिपोर्ट राजस्थान सरकार और शिक्षा मंत्री को प्रस्तुत की जाएगी।


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