उदयपुर। सांसद डॉ मन्नालाल रावत ने राजस्व ग्राम बण्डोली में महाराणा प्रताप के समाधि स्थल पर भव्य स्मारक का निर्माण करवाने तथा स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत क्षेत्र में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की तर्ज पर स्टैच्यू ऑफ स्वाधीनता बनाने एवं क्षेत्र में पर्यटन दृष्टिकोण से अन्य आधारभूत संरचनाओं का विकास करने को लेकर लोकसभा में मांग की।
सांसद डॉ रावत ने नियम 377 के अधीन सूचना के तहत संसद में बताया कि प्रातः स्मरणीय महाराणा प्रताप हिन्दुआ सूरज भारतीय इतिहास के एक महान नायक हैं, जिन्होंने सामाजिक समरसता के साथ-साथ विदेशी आक्रांताओं से आजीवन संघर्ष किया। अपने जीवन में उन्होंने विश्व प्रसिद्ध हल्दीघाटी का युद्ध लड़ा और अनवरत संघर्ष करते हुए मुगलों की अधीनता कभी स्वीकार नहीं की। यह एक बड़ी जीत थी, जिसने अपनी मातृभूमि की रक्षा, आन-बान और शान के मूल्यों को जीवित किया, जो इस कालखंड में भी भारत की अस्मिता के प्रतीक के रूप में विद्यमान है। अपने जीवनकाल में उन्होंने जनजाति बहुल क्षेत्र चावण्ड में राजधानी बनाई और शासन में परम वैभव के प्रयास किए। उन्होंने अपना अंतिम समय इसी स्थान पर व्यतीत किया और देहवासन हुआ। सांसद ने बताया कि राजस्व ग्राम बण्डोली में महाराणा प्रताप का समाधि स्थल स्थित है। वे एक महान नायक हैं, जिनके जीवन मूल्य पूरे विश्व में सनातन धर्म, संस्कृति और परंपरा के अनुयायियों के लिए अनुकरणीय हैं। सर्व समाज की इच्छा है कि उनके समाधि स्थल पर एक भव्य स्मारक का निर्माण किया जाए। इसके लिए उन्होंने भारत सरकार से स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत क्षेत्र में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की तर्ज पर स्टैच्यू ऑफ स्वाधीनता बनाने एवं क्षेत्र में पर्यटन दृष्टिकोण से अन्य आधारभूत संरचनाओं का विकास करने की मांग की है।