उदयपुर। नगर निगम प्रांगण में चल रहा सिल्क मेला शनिवार को अपने पूरे यौवन पर था। मेले के व्यापारी भी चकित हो गए कि जिस तरह से खरीददारों का रेला उमड़ा है, ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलता है। मेला प्रारंभ से लेकर मेला समाप्ति के समय तक हर व्यापारी अपनी बिक्री से इतना खुश हो गया कि अंत में उन्हें बोलना ही पड़ा कि हर बार की तरह इस बार भी हमारा उदयपुर में आना सफल हो गया। कल रविवार को मेले का अंतिम दिन है।
सिल्क मेले में बिहार के मिथिला ट्रेण्ड की मधुबनी साड़ियां महिलाओं की खास पसंद बनी हुई हैं। बिहार से आए आजाद ने बताया कि वह उदयपुर में हर साल इस सिल्क मेले में आते हैं और उन्हें अच्छा खासा रिस्पांस मिलता है। इस बार तो यहां की महिलाओं ने मिथिला ट्रेण्ड की मधुबनी साड़ियों को खरीदने में खासा उत्साह दिखाया। यह साड़ियां दिखने में भी खूबसूरत लगती हैं और उनकी कीमत भी बहुत ज्यादा नहीं होती। अगर साड़ियां महिलाओं की पसंद की होती हैं तो वे कीमत पर ज्यादा ध्यान नहीं देतीं। ₹1200 से लेकर ₹3500 तक की साड़ियां यहां पर महिलाओं ने खूब खरीदी। साड़ियां कई डिज़ाइन और रंगों में उपलब्ध हैं।
कश्मीर से आए डार आर्ट एंड क्राफ्ट के आकिम ने बताया कि वह भी हर साल उदयपुर में सिल्क मेले में अपनी स्टॉल लगाते हैं। उदयपुरवासियों की पसंद उन्हें अच्छी तरह से पता है, इसलिए वह उन्हीं वैरायटी का स्टॉक लेकर आते हैं। इस बार मेले में उनकी आशा के अनुरूप व्यापार हुआ है और वह बहुत खुश हैं। उनके पास कशीदा वाली विभिन्न रंगों की शाले, वूलन की शाले, पश्मीना और लदाकी शाले विभिन्न रेंज में उपलब्ध हैं। इनमें प्लेन शॉल ₹4000 तक बिकती हैं, जबकि बाकी शालों की कीमत डिज़ाइन के हिसाब से होती है। इन शालों की खासियत यह है कि महिलाएं इन्हें किसी भी रंग की साड़ी या सूट के ऊपर ओढ़ सकती हैं।
सिल्क मेले में आए हर व्यापारी इस मेले से संतुष्ट हैं। एक ही जगह पर खरीदारों को उनकी पसंदीदा साड़ियां, शॉल, विभिन्न प्रकार के बैग, महिलाओं के श्रृंगार साधन, ड्राई फ्रूट्स जैसी चीजें मिलने के कारण लोग मेले में आना पसंद कर रहे हैं। व्यापारियों ने कहा कि कल रविवार को मेले का अंतिम दिन है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि रविवार का दिन उनके व्यापार के लिए बहुत ही यादगार होगा।