भीलवाड़ा, संगम विश्वविद्यालय में 75वां राष्ट्रीय विधि दिवस धूमधाम से मनाया गया। यह दिवस भारतीय संविधान को अपनाने की ऐतिहासिक घटना की याद में मनाया जाता है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विधि विभाग ने एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें न्यायिक क्षेत्र के कई महत्वपूर्ण व्यक्तित्वों ने भाग लिया और संविधान के महत्व पर विस्तृत चर्चा की।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिला न्यायाधीश अजय शर्मा, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) विशाल भार्गव और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) नागेंद्र सिंह मौजूद रहे। जिला न्यायाधीश अजय शर्मा ने भारतीय संविधान के महत्व पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उसकी तुलना एक पतंग से की, जो हमें ऊंचाइयों तक ले जाती है। उन्होंने संविधान को देश की प्रगति और सशक्तीकरण का मार्गदर्शक बताया।
एडीजे विशाल भार्गव ने भारतीय संविधान के इतिहास और कानूनी अधिनियमों की बनाने की प्रक्रिया पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संविधान ने न केवल भारत की राजनीतिक संरचना को निर्धारित किया, बल्कि यह नागरिकों के अधिकारों की रक्षा भी करता है। सीजेएम नागेंद्र सिंह ने संविधान के ऐतिहासिक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए इसे भारतीय समाज की आत्मा बताया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. (डॉ.) करुणेश सक्सेना ने की, जिन्होंने इस तरह के आयोजनों के महत्व पर चर्चा की और विद्यार्थियों को संविधान के प्रति अपने कर्तव्यों को समझने की प्रेरणा दी। प्रो. वाइस चांसलर प्रो. (डॉ.) मानस रंजन पाणिग्रही, रजिस्ट्रार प्रो. (डॉ.) राजीव मेहता और डीन विधि विभाग प्रो. (डॉ.) वीरेंद्र कुमार शर्मा के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित हुआ।
इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण व्यक्तियों ने भी कार्यक्रम में भाग लिया, जिनमें डॉ. ओमप्रकाश सोमकुंवर, डॉ. सुनाक्षी शर्मा, डॉ. गोवर्धन लाल पांडे, शशांक शेखर सिंह, आदित्य दाधीच, गौरव सक्सेना और वर्तिका मिश्रा शामिल थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. विष्णुप्रिया दाधीच ने किया, जबकि एंकरिंग कशिश मरवाहा ने की।
इस वर्ष के राष्ट्रीय विधि दिवस के कार्यक्रम में विशेष रूप से दो प्रमुख प्रतियोगिताएं आयोजित की गई—पोस्टर-मेकिंग और भाषण प्रतियोगिता। पोस्टर-मेकिंग प्रतियोगिता में संजना कौशिक ने पहला स्थान प्राप्त किया, जबकि भाषण प्रतियोगिता में अभिनव जैन ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए शीर्ष स्थान प्राप्त किया। इन प्रतियोगिताओं के माध्यम से विद्यार्थियों ने भारतीय संविधान की अहमियत और उसके प्रभाव को अपनी कला और विचारों के माध्यम से प्रस्तुत किया।
इस प्रकार, संगम विश्वविद्यालय ने 75वें राष्ट्रीय विधि दिवस को एक यादगार और प्रेरणादायक कार्यक्रम के रूप में मनाया, जो विद्यार्थियों में संविधान के प्रति सम्मान और जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।