राजसमन्द:चारभुजा नाथ को व्यंजन बनाकर भोग मनोरथ करवाया । जहां पुजारी नाथू लाल गुर्जर एवं चेतन गुर्जर द्वारा पान बीड़ा चरणामृत प्रसार के रूप में दिया गया। दिन भर दर्शनों को लेकर भक्तों का ताता लगा रहा। जहां पूर्व रात्रि चौदस गुरुवार को भगवान के बाल विग्रह रूप को चांदी की रेवाड़ी में बिठाकर गाजे बाजे के साथ पुजारियों द्वारा
नगार चौक में लाए जहां पर भगवान के आगे भक्त पुजारीगण नाचते गाते पुष्प वर्षा करते हुए पहुंचे। पुजारी द्वारा गुलाब के फूलों से बाल स्वरूप को श्रृंगार धराकर दर्शन करवाए । भक्तों ने मावा मिश्री सिंघाड़े कीसेव के साथ फलों का भोग लगाया । नए पुजारी जिनकी अब पूजा सेवा करने की बारी (ओसरे में बैठने वाले) पुजारी घिसुलाल भंडारी परिवार की और से लापसी का भोग मनोरथ करवा गया । सभी भक्तो को प्रसाद का वितरण कराया भक्तों में बांटा। सैकड़ो की तादाद में भक्तों ने दर्शन लाभ के साथ प्रसाद ग्रहण किया। झूले के दोनों तरफ कतारबद्ध खड़े रहकर हरजस का स्तब्ध सुनाया। ठीक रात्रि 12: 00 बजे मीराबाई मंदिर से बाल स्वरूप को पुनः गर्भगृह में प्रतिस्थापित कर आरती उतारी गई और श्यन करवाया। जहां पर भक्त चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा,उदयपुर , कुरज ,कुंवारिया सहित मारवाड़ से आए हजारों भक्तो ने भी दर्शन का लाभ लिया ।