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जन्मजात रीढ़ की हड्डी के टेढ़ेपन की पीएमसीएच में  सफल सर्जरी

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20 Sep 24
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जन्मजात रीढ़ की हड्डी के टेढ़ेपन की पीएमसीएच में  सफल सर्जरी

उदयपुर, पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल,भीलों का बेदला में 13 बर्षीय बच्चें की रीढ़ की हड्डी के टेडापन (स्कोलियोसिस) बीमारी की सफल सर्जरी कर उसे नया जीवनदान दिया।
प्रतापगढ़ के जुपना गॉव निवासी 13 बर्षीय बच्चा पिछले कई बर्षो से सीधा खड़ा नहीं हो पाता था। जैसे ही वह खड़ा होता उसका शरीर एक तरफ झुक जाता। बच्चें के परिजनों की मानें तो बच्चा तीन चार साल का था तब से उसका शरीर कमर के पास से टेढ़ा सा नजर आता था। परिजनों ने स्थानीय चिकित्सको को दिखाया लेकिन आराम नहीं मिला तो परिजन उसे भीलों का बेदला स्थित पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल लेकर आए यहां स्पाइन सर्जन डॉ.सुभाष शर्मा  ने उसकी जांचें की एवं एक्सरे और एमआरआई कराई तो पता चला कि बच्चें को स्कोलियोसिस (रीढ़ की हड्डी में टेढ़ापन) की बीमारी है।
इसके बाद अस्थि रोग विभागाध्यक्ष एवं स्पाइन सर्जन डॉ.सुभाष शर्मा,डॉ.दीपक अग्रवाल,ऐनिस्थिया विभाग के डॉ.प्रकाश औदिच्य,डॉ.के.जी.जागिंड एवं सुभाष की टीम ने  उसकी सर्जरी की। इस सर्जरी में बच्चें की रीढ़ की हड्डी जो 70 डिग्री थी उसे ऑपरेशन के माघ्यम से 12 डिग्री पर लाया गया। करीब पॉच सें छह घंटे के ऑपरेशन के बाद उसकी रीढ़ की हड्डी का टेढ़ापन ठीक किया।
जन्मजात हो सकती है समस्या
पीएमसीएच के विभागाध्यक्ष एवं स्पाइन सर्जन डॉ.सुभाष शर्मा ने बताया कि स्कोलियोसिस नामक रोग में रीढ़ की हड्डी में असामान्य रूप से विकृति आ जाती है। इस बीमारी की चपेट में बच्चे ज्यादा आते हैं। ऐसी समस्याएं कुछ बच्चों में जन्मजात भी हो सकतीं हैं। कुछ बच्चों में यह समस्या जल्दी दिख जाती है कुछ बच्चों की जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है स्पाइन का टेढ़ापन नजर आने लगता है। इस बच्ची की स्पाइन की समस्या भी नौ- दस साल से नजर आने लगी थी। बच्चे का चिंरजीवी योजना के साथ साथ हॉस्पिटल मैनेजमेन्ट के सहयोग से निःशुल्क इलाज किया गया। परिजनों ने पीएमसीएच के चेयरपर्सन राहुल अग्रवाल एवं एक्जीक्यूटिव डॉयरेक्टर अमन अग्रवाल को धन्यवाद दिया। बच्चा अभी पूरी तरह से ठीक है साथ ही बच्चे के परिजन भी बच्चें के पूरी तरह से सही होने से काफी खुश है।


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