GMCH STORIES

स्वास्थ्य मंत्री से मिले तिरुपति स्कूल ऑफ नर्सिंग के विधार्थी  ज्ञापन देकर बताई अपनी व्यथा 

( Read 1730 Times)

26 Jun 24
Share |
Print This Page
स्वास्थ्य मंत्री से मिले तिरुपति स्कूल ऑफ नर्सिंग के विधार्थी  ज्ञापन देकर बताई अपनी व्यथा 

उदयपुर  उदयपुर के पेसिफिक मेडिकल विश्वविधालय के तहत संचालित होने वाले तिरुपति स्कूल ऑफ नर्सिंग के सैकड़ों छात्र कॉलेज की मान्यता एवं आरएन नंबर के लिए आज माननीय स्वास्थ्य मंत्री से मिले एवं ज्ञापन देकर बताई अपनी व्यथा बताई। इसी सदर्भ में एवं कल माननीय  स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष जयपुर में सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक धरना प्रदर्शन करेगें।
नर्सिंग विधार्थी विकास सारंग ने बताया कि उदयपुर स्थित तिरुपति स्कूल ऑफ नर्सिंग में अध्यनरत 300 से अधिक नर्सिंग छात्रों के भविष्य दाव पर लगा हुआ है। 
कॉलेज की मान्यता रद्द करने के सरकार के फैसले के बाद नर्सिंग छात्रों में जबरदस्त रोष है।  छात्र विगत कई दिनों से कॉलेज में अपनी मानसिक वेदना को प्रबंधन के सामने प्रकट कर रहे हैं और अनुरोध कर रहे हैं कि सरकार के समक्ष उनकी बात को प्रमुखता से रखा जाए और उन्हें न्याय दिलाया जाए। लेकिन कॉलेज प्रबन्धन की कोशिशो के बाद भी मसला हल नहीं हो पाया।
दरअसल नर्सिंग की शिक्षा के लिए दो सरकारी एजेंसियां नियुक्त की जाती है पहले आईएनसी और दूसरी आरएनसी. तिरुपति स्कूल ऑफ नर्सिंग में अध्यनरत छात्रों को 2016-17 से लेकर 2020-21 तक के विद्यार्थियों को राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित दोनों सरकारी एजेंसियों से मान्यता दी गई, विद्यार्थियों ने मान्यता देखकर ही कॉलेज में दाखिला लिया तब से वह यहां नियमित विद्या अध्ययन कर रहे हैं. उन्होंने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन की किया जिसे राज्य सरकार ने मंजूर करते हुए तब से संबंधित अध्यनरत विद्यार्थियों को छात्रवृतियां आज तक प्रदान की जा रही है ।

गत 13 जनवरी 2022 को सरकार द्वारा एक लेटर जारी कर कॉलेज को अवगत कराया गया की 2021-22 से मान्यता को रद्द किया जाता है किंतु उस लेटर में कहीं भी इस बात का उल्लेख नहीं है कि पिछले बेच के बच्चों पर ये आदेश लागू होगा ।
यहां अध्ययनरत बच्चों की विडंबना यह है इन बच्चों ने मान्यता देख कॉलेज में दाखिला लिया, सरकार द्वारा समय-समय पर दी जा रही छात्रवृत्तियों उन्हें मिली किंतु आज इनका भविष्य अधर में है, इनमें से कई बच्चों ने लोन से अपनी शिक्षा को पूर्ण किया आज लोन चुकाना मुश्किल हो रहा है, क्यूंकि बच्चे 2 वर्षों से बिना जॉब के बेकार घूम रहे हैं और मानसिक अवसाद की स्थिति में है।
इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार ने आरएनसी द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया उनकी रिपोर्ट मैं सभी कुछ सही पाया गया आर एन सी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को पेश कर दी है किंतु अभी तक सरकार द्वारा उस के ऊपर कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है।

मेरे पिताजी ने प्राइवेट नौकरी करते है एवं मुझे पढाने के लिए बैक से लोन लिया घर खर्च के साथ ही बैक की किस्त चुका रहे है साथ ही मेरे छोटे भाई-बहिनों की जिम्मेदारी भी उन पर है मैने सोचा नर्सिग करने के बाद अपने पिताजी का वनज थोड़ा कम हो जाऐगा लेकिन पता नही अब क्या होगा - विकास सारंग,नर्सिग विधार्थी

मेरे पिताजी ने साहूकार से मेरे को पढ़ने के लिए उधार लिया और मेरी पढ़ाई के लिए लगाया अब में कैसे मेरे पिताजी उसको चुका पाएंगे। क्यों उनकी उम्मीद मैं ही हूँ - हर्ष टेलर,नर्सिग विधार्थी

नर्सिंग की पढ़ाई के दौरान मुझे चारों साल तक स्कॉलरशिप मिली और पूरा पैसा मुझे मिला। अगर कॉलेज मान्यता प्राप्त नहीं था तो सरकार ने स्कॉलरशिप क्यों दी - कीर्ति कुमारी,नर्सिग विधार्थी

मेरे घर में मेरी माँ छोटी मोटी नौकरी करके घर का गुजारा चलाती है और अपनी ज़मीन बेच के मेरी माँ ने मुझे पढ़ाने के लिए भेजा लेकिन अब कैसे हमारा गुजारा होगा - राहूल,नर्सिग विधार्थी

तिरुपति स्कूल ऑफ नर्सिंग कॉलेज में विश्वस्तरीय सुविधाए है एवं बच्चों के उच्च प्रशिक्षण के लिए जो भी नियमानुसार आदर्श सुविधाए होनी चाहिए वह हमने उपलब्ध करा रखी है। यह पूरा मामला किसी पूर्वाग्रह से प्रभावित लगता है और ऐसे में हमारा आग्रह यही है कि बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखतें हुए इस समस्या का तुरन्त से समाधान किया जाए।
-राहुल अग्रवाल,चेयरपर्सन पेसिफिक मेडिकल विश्वविधालय


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : Headlines , Pacific Group
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like