उदयपुर। पेसिफिक मेडिकल यूनिवर्सिटी के पेसिफिक कॉलेज ऑफ फिजियोथैरेपी द्वारा देश की पहली कैडेवर आधारित एडवांस ड्राई नीडलिंग थैरेपी कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस विशेष प्रशिक्षण में फिजियोथैरेपी के विद्यार्थियों और प्रोफेशनल्स को सीधे मानव शरीर (कैडेवर) पर प्रैक्टिकल अनुभव प्रदान किया गया।
इस कार्यशाला में अमेरिका से आए विशेषज्ञ डॉ. जेन डामर हाल्ट ने ड्राई नीडलिंग की तकनीकों को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि यह थेरेपी मायोफेसियल पेन से राहत देने के लिए अत्यंत प्रभावी है। ट्रिगर पॉइंट्स पर छोटी-छोटी सुइयों की मदद से दर्द निवारण, मांसपेशियों में खिंचाव की समस्या, शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी, जोड़ों की रेंज ऑफ मोशन और रक्त संचार में सुधार लाया जा सकता है। उन्होंने इसे आधुनिक शोधों पर आधारित, फिजियोथैरेपिस्ट्स के लिए एक मील का पत्थर बताया।
वर्कशॉप के साइंटिफिक एडवाइजर डॉ. के. एम. अन्नामलाई ने बताया कि इसमें मुंबई के डॉ. वर्धमान जैन, डॉ. विवेक, अपोलो दिल्ली की सीमा ग्रोवर, डॉ. नेहा खेडा, पुणे के डॉ. विनायक समेत कई फिजियोथैरेपिस्ट और विद्यार्थी शामिल हुए।
पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के चेयरपर्सन राहुल अग्रवाल और सीईओ शरद कोठारी ने बताया कि कॉलेज में फिजियोथैरेपी का एक अत्याधुनिक सेंटर स्थापित किया गया है, जहां विद्यार्थियों को नवीनतम तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं नियमित रूप से आयोजित की जाएंगी ताकि संस्थान फिजियोथैरेपी शिक्षा में अग्रणी बने।
कार्यशाला के आयोजक और कॉलेज के डीन डॉ. जफर खान एवं डॉ. प्रवीण रावत ने सभी का स्वागत करते हुए चिकित्सा के विभिन्न क्षेत्रों में फिजियोथैरेपी की उन्नत विधाओं की जानकारी साझा की। डॉ. खान ने बताया कि इस वर्कशॉप में ट्रिगर पॉइंट्स, पेन मैनेजमेंट और ड्राई नीडलिंग की तकनीक को विस्तार से समझाया गया।
कार्यशाला की सफलता में पेसिफिक यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ. एम. एम. मंगल के मार्गदर्शन में डॉ. हीना शर्मा, प्रीतेश मेनारिया और एनाटॉमी व फिजियोथैरेपी विभाग की फैकल्टी का महत्वपूर्ण योगदान रहा।