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पेसिफिक विश्वविद्यालय में '21वीं सदी में रसायन विज्ञान के उभरते क्षितिज' पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन

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29 Sep 24
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पेसिफिक विश्वविद्यालय में '21वीं सदी में रसायन विज्ञान के उभरते क्षितिज' पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन

पेसिफिक विश्वविद्यालय ने '21वीं सदी में रसायन विज्ञान के उभरते क्षितिज' पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का सफल समापन किया। यह सम्मेलन स्नाकोत्तर अध्ययन एवं रसायन विभाग द्वारा आयोजित किया गया था।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पेसिफिक समूह के अध्यक्ष प्रो. बी.पी. शर्मा ने बताया कि जिंक को प्राप्त करने की विधि भारतीयों को ही ज्ञात थी और इसे 'यसद' कहा जाता है। उन्होंने प्राचीन ग्रंथों का उल्लेख करते हुए कहा, "ताम्र यस प्रदयाते इति यसदह।"

पेसिफिक विश्वविद्यालय के राष्ट्रपति प्रो. हेमंत कोठारी ने सभी विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि यह सम्मेलन निश्चित रूप से 21वीं सदी के सभी शोधार्थियों और युवा वैज्ञानिकों को नया आयाम प्रदान करेगा।

कोटा विश्वविद्यालय की डॉ. नीलू चैहान ने हाइड्रोजन गैस के उत्सर्जन के बारे में विस्तृत जानकारी दी और बताया कि जल के अणुओं को तोड़कर उत्पन्न गैस का उपयोग ईंधन के रूप में किया जा सकता है।

उतर गुजरात विश्वविद्यालय की प्रो. संगीता शर्मा ने मानव टाउ प्रोटीन, हर्बल पौधों से प्लेवेनोइड्स की आणविक क्षमता और चिकित्सा दक्षता पर प्रकाश डाला। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की प्रो. उमा शर्मा ने सूक्ष्मीय पदार्थ के निर्माण के लिए अति आणविक रसायन विभाग के उपयोग के बारे में जानकारी साझा की और बताया कि 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए अति आणविक और नैनोटेक्नोलॉजी बहुत प्रभावी साबित होगी।

लवली प्रोफेशनल विश्वविद्यालय जालंधर के प्रो. एस. रविचंद्रन ने हरित रसायन के माध्यम से ग्लोबल वार्मिंग पर नियंत्रण पर आमंत्रित व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने बताया कि सतत विकास में हरित रसायन की महत्वपूर्ण भूमिका है।

इस सम्मेलन में देश-विदेश के 247 शोधार्थियों और वैज्ञानिकों ने भाग लिया, और 138 पोस्टर और 35 मौखिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।

पोस्टर प्रस्तुतिकरण में वरिष्ठ वैज्ञानिकों में दिनेश बोरासी, शैलेष कुमार पटेल, अमित शर्मा, तथा कनिष्ठ वैज्ञानिकों में शैली शर्मा, प्रियंका कुवंर राव, काजल शकील महाबारी और निधी पाठक को पुरस्कार दिए गए।

मौखिक शोध प्रस्तुतिकरण में वरिष्ठ वैज्ञानिकों में मितल ठक्कर, नितिन चौधरी, पारस कुमार और जिगेश शाह को पुरस्कार प्राप्त हुए, जबकि कनिष्ठ वैज्ञानिकों में सौरव कुमार मैती, चारूल पालीवाल और गौरी शुक्ला को भी सम्मानित किया गया।

पुरस्कार वितरण समारोह में प्रो. बी.पी. शर्मा, प्रो. हेमंत कोठारी, प्रो. एस.सी. दिलेन्द्र हिरन, आमेटा, प्रो. रामेश्वर आमेटा और प्रो. रक्षित आमेटा मौजूद रहे। समारोह के अंत में विज्ञान संकाय के डीन प्रो. रामेश्वर आमेटा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। समारोह का संचालन प्रो. नीतू शोरगर ने किया।


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