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निम्स यूनिवर्सिटी के प्रो चांसलर, प्रो. अमेरिका सिंह का एलेन इंस्टीट्यूट उदयपुर में भव्य स्वागत

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22 Sep 24
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निम्स यूनिवर्सिटी के प्रो चांसलर, प्रो. अमेरिका सिंह का एलेन इंस्टीट्यूट उदयपुर में भव्य स्वागत

उदयपुर,निम्स यूनिवर्सिटी के प्रो चांसलर और मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति, प्रो. अमेरिका सिंह ने उदयपुर प्रवास के दौरान प्रतिष्ठित एलेन इंस्टीट्यूट का दौरा किया। यह दौरा छात्रों और शिक्षकों के बीच संवाद को बढ़ावा देने और शिक्षण के नवीनतम तरीकों पर विचार-विमर्श करने के उद्देश्य से किया गया। इस अवसर पर एलेन इंस्टीट्यूट के सेंटर हेड इंचार्ज शांतनु विजय और पूर्व छात्र प्रतिनिधि डॉ. अशोक आचार्य के नेतृत्व में संस्थान के फैकल्टी सदस्यों ने मेवाड़ी परंपराओं के अनुसार प्रो. अमेरिका सिंह का भव्य स्वागत किया।


शिक्षण की प्रभावशीलता पर जोर
प्रो. सिंह ने एलेन इंस्टीट्यूट के फैकल्टी इंटरेक्शन में शिक्षण के नवीन और प्रभावी तरीकों की सराहना की। उन्होंने शिक्षकों को उनकी मेहनत और विद्यार्थियों को समग्र रूप से विकसित करने के लिए अपनाए गए नए शैक्षणिक दृष्टिकोणों की प्रशंसा की। प्रो. सिंह ने कहा, "शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना नहीं है, बल्कि विद्यार्थियों को जीवन के विभिन्न आयामों में सक्षम बनाना है।"

नई शिक्षा नीति पर व्याख्यान
कार्यक्रम के दौरान, प्रो. सिंह ने छात्रों को नई शिक्षा नीति के महत्व पर एक विशेष व्याख्यान दिया। उन्होंने समझाया कि यह नीति किस प्रकार से शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाकर विद्यार्थियों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार कर रही है। उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे अपनी शिक्षा को एक अवसर के रूप में देखें और इसके माध्यम से अपने कौशल को विकसित करने के प्रयास करें।

तकनीकी और शिक्षा का संगम
प्रो. सिंह ने छात्रों को बताया कि आज के समय में तकनीकी ज्ञान कितना महत्वपूर्ण है और इसका सही उपयोग शिक्षा को और भी प्रभावशाली बना सकता है। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि वे तकनीकी साधनों का सदुपयोग कर अपने ज्ञान को और व्यापक बनाएं।


भविष्य की दिशा में प्रगति
कार्यक्रम के अंत में, डॉ. अशोक आचार्य ने प्रो. सिंह का आभार व्यक्त किया और कहा कि उनके मार्गदर्शन से एलेन इंस्टीट्यूट के छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में नई दिशाएँ मिलेंगी। उन्होंने यह विश्वास व्यक्त किया कि इस प्रकार के संवाद और इंटरेक्शन से संस्थान के शिक्षण स्तर को और ऊँचा उठाया जा सकेगा।


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