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संपूर्ण खाद्यान्न का रसायन मुक्त उत्पादन ही प्राकृतिक खेती का लक्ष्य।  डॉ कर्नाटक

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08 Apr 25
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संपूर्ण खाद्यान्न का रसायन मुक्त उत्पादन ही प्राकृतिक खेती का लक्ष्य।  डॉ कर्नाटक

 

आज दिनांक 7 अप्रैल 2025 को महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशालय में प्राकृतिक खेती के ऊपर प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में भारतीय बीज निगम के चंडीगढ़, अहमदाबाद, जैतसर एम सूरतगढ़ के अधिकारियों ने भाग लिया । प्रशिक्षण के शुभारंभ के अवसर में माननीय कुलपति डॉ अजीत कुमार कर्नाटक ने कहा कि किसी भी खेती का आधार बीज होता है ऐसे में प्राकृतिक खेती के लिए प्राकृतिक रूप से तैयार किए गए बीजों की उपलब्धता अत्यंत आवश्यक है। इसीलिए यह विशेष प्रशिक्षण बीज उत्पादन करने वाली संस्थाओं के लिए आयोजित किया गया है। डॉ कर्नाटक ने बताया कि हरित क्रांति से हमने उत्पादन तो बढ़ाया पर रसायनों के अधिक व अंधाधुंध उपयोग के कारण प्रकृति एवं मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव का सामना भी किया है। अब समय है कि हम प्रकृति एवं मानव भोजन पर रसायनों के प्रभाव को कम से कम एवं संपूर्ण रूप से खत्म कर सके। डॉ कर्नाटक ने कहां की प्रकृति के अनुकूल कार्य करना ही हमारी संस्कृति है एवं  प्रकृति के प्रतिकूल काम करना ही विकृति है। प्रकृतिक खेती के में कई नए आयाम को जोड़कर इसे स्वीकार्य रूप प्रदान कर हम हमारे कृषक भाइयों के लिए एक सरल पद्धति तैयार कर सकते हैं। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉक्टर शांति कुमार शर्मा, सहायक महानिदेशक मानव संसाधन प्रबंधन, नई दिल्ली, ने बताया कि प्राकृतिक खेती के प्रति लोगों के मन में कई भ्रांतियां रहती हैं जिसका अनुसंधान के आधार पर निराकरण अत्यंत आवश्यक है। डॉ शर्मा ने बताया कि प्राकृतिक खेती के विचार का उद्भव  बहुत समय पहले ही हो चुका है अब इसको समाज में प्रभावी रूप से प्रचारित करने एवं अपनाने का वक्त है।  यदि अब भी रसायन मुक्त खेती के प्रयास नहीं किए गए तो यह प्रकृति के लिए बहुत ही विध्वंसकारी हो सकता है। डॉ शर्मा ने राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर पर प्राकृतिक खेती के लिए किए गए प्रयासों की विस्तृत जानकारी दी। अनुसंधान निदेशक डॉक्टर अरविंद वर्मा ने प्रशिक्षण की जानकारी देते हुए कहां कि उदयपुर केंद्र पर जैविक एवं प्राकृतिक खेती पर किए गए बृहद अनुसंधान कार्य का ही परिणाम है कि उदयपुर केंद्र राष्ट्र में इस प्रकार के प्रशिक्षण के लिए प्रथम स्थान पर चुना गया है। डॉ वर्मा ने बताया कि प्रशिक्षण में प्राकृतिक खेती पर व्याख्यान एवं प्रायोगिक रूप से  प्रशिक्षण दिया जाएगा जिससे प्राकृतिक बीज उत्पादन श्रृंखला को बल मिलेगा। प्रशिक्षण प्रभारी डॉ रविकांत शर्मा ने प्रशिक्षण का प्रारूप रखा एवं पधारे अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया।


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