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एमपीयूएटीः दो दिवसीय क्षेत्रीय अनुसंधान एवं प्रसार सलाहकार समिति खरीफ-2025 संभाग चतुर्थ-अ की बैठक का आयोजन

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17 Apr 25
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एमपीयूएटीः दो दिवसीय क्षेत्रीय अनुसंधान एवं प्रसार सलाहकार समिति खरीफ-2025 संभाग चतुर्थ-अ की बैठक का आयोजन

उदयपुर क्षेत्रीय अनुसंधान एवं प्रसार सलाहकार समिति संभाग चतुर्थ-अ की बैठक अनुसंधान निदेशालय के सभागार में महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर निदेशक अनुसंधान की अध्यक्षता में दिनांक 16-17 अप्रेल, 2025 को कृषि अनुसंधान केन्द्र, अनुसंधान निदेशालय, उदयपुर में आयोजित की गई।
महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के निदेशक अनुसंधान डाॅ. अरविन्द वर्मा ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने गत वर्षों में विभिन्न प्रौद्योगिकी पर 54 पेटेंट प्राप्त किये।  साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर बकरी की तीन नस्लें सिरोही, गुजरी एवं करौली को रजिस्टर्ड कराया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष अफीम की चेतक किस्म, मक्का की पीएचएम-6 किस्म के साथ असालिया (प्रताप असालिया-1), ईसबगोल (प्रताप ईसबगोल-1), अश्वगंधा (प्रताप अश्वगंधा-1) एवं मूंगफली (प्रताप मूंगफली-4) की किस्में विकसित की। वर्तमान में वैज्ञानिकों द्वारा चरी मक्का की दो किस्मों (पीएमसी-14 एवं पीएमसी-16) को राष्ट्रीय स्तर पर अनुमोदन के लिए प्रतिवेदन भेजा गया।
डाॅ. वर्मा ने विश्वविद्यालय के द्वारा विभिन्न अनुसंधान परियोजनाओं के अन्तर्गत विकसित तकनीकियों के बारे में चर्चा की।
बैठक में डाॅ. एस. एस. शेखावत, अतिरिक्त निदेशक विस्तार, पंत कृषि भवन, जयपुर ने राज्य सरकार द्वारा कृषकों के समग्र विकास हेतु विभिन्न वांछित पहलुओं पर अनुसंधान करने का आवह्ान किया। डाॅ. शेखावत ने वैज्ञानिकों के प्रस्तुतीकरण का अवलोकन किया एवं किसानोपयोगी महत्वपूर्ण सुझाव दिये। उन्होंने वैज्ञानिकों से एआई, लघु उपकरण मशीनीकरण, एफपीओ, जी आई टेग एवं तिलहनी फसलों को केन्द्रित करते हुए अनुसंधान करने पर जोर दिया। डाॅ. शेखावत ने विश्वविद्यालय संचालित विभिन्न उत्कृष्ट अनुसंधान परियोजनाओं की भूरी-भूरी प्रंसशा की।
बैठक में श्री आई. एस. संचेती, अतिरिक्त निदेशक कृषि विभाग, भीलवाड़ा ने गत खरीफ में वर्षा का वितरण, बोई गई विभिन्न फसलों के क्षेत्र एवं उनकी उत्पादकता के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होनें संभाग में विभिन्न फसलों में खरीफ 2024 के दौरान् आयी समस्याओं को प्रस्तुत किया तथा अनुरोध किया कि वैज्ञानिकगण इनके समाधान हेतु उपाय सुझावें।
क्षेत्रीय अनुसंधान निदेशक डाॅ. अमित त्रिवेदी ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए बैठक को सम्बोधित करते हुए विश्वविद्यालय में चल रही विभिन्न परियोजनाओं की जानकारी दी तथा कृषि संभाग चतुर्थ अ की कृषि जलवायु परिस्थितियों तथा नई अनुसंधान तकनीकों के बारे में प्रकाश डाला। डाॅ. त्रिवेदी ने संभाग की विभिन्न फसलों में आ रही समस्याओं के निराकरण हेतु प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
बैठक में डाॅ. आर. एल. सोनी, निदेशक, विस्तार शिक्षा, डाॅ. आर. बी. दुबे, अधिष्ठाात, राजस्थान कृषि महाविद्यालय, डाॅ. ए. पी. सिंह, सीनियर मेनेजर ईफको एवं श्री एन. एस. राठौड, अतिरिक्त निदेशक, कृषि विभाग, उदयपुर ने कृषकों के हित में अपने विचार प्रकट किये। बैठक में डाॅ. मनोज कुमार महला, निदेशक, छात्र कल्याण अधिकारी, श्री विनोद कुमार जैन, संयुक्त निदेशक कृषि, भीलवाड़ा, श्री महेश चेजारा, संयुक्त निदेशक उद्यान, भीलवाड़ा, श्री दिनेश कुमार जागा, संयुक्त निदेशक कृषि, चित्तौड़गढ़, श्री सतीश कुमार चैहान, संयुक्त निदेशक कृषि, राजसमंद, श्री ओ. पी. शर्मा, प्रभारी ग्राह्य अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र, चित्तौड़गढ़, डॉ शंकर सिंह राठौड़, पीडी, आत्मा, भीलवाड़ा, राजसमन्द, डाॅ. रविकांत शर्मा, उपनिदेशक, अनुसंधान निदेशालय, उदयपुर एवं कृषि विभाग के अन्य अधिकारीगण एवं विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकगण उपस्थित थे।
इस बैठक में विभिन्न वैज्ञानिकों व अधिकारियों द्वारा गत खरीफ में किये गये अनुसंधान एवं विस्तार कार्यो का प्रस्तुतीकरण किया गया तथा किसानों को अपनाने हेतु सिफारिशें जारी की गई। कार्यक्रम के अंत में डाॅ. रविकांत शर्मा, उपनिदेशक, अनुसंधान निदेशालय, उदयपुर ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।


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