मां
होता है मुझे अभियान
मां पर
निश्चल सी मां
हर परेशानी को
समेट लेती भीतर
और करती बच्चों की रक्षा
ममत्व लुटाती
कभी ना करती शिकायत
अपने ममत्व के पथ पर
बढ़ती चली जाती
शिकन न लाती चेहरे पर
बच्चों की ढाल बन जाती
मां तो वही है
लेकिन बच्चों ने बदला रूप
मां से रहा नहीं ममत्व
और भेजने लगे मां को
वृद्धाश्रम
पिता
कड़ी मेहनत करते
अपनी ख्वाहिशों को दबाते
और अपने बच्चों की ख्वाहिशों को
पूरा करते
वह कोई और नहीं
पिता हुआ करते हैं
राह अच्छी दिखाते
प्यार बहुत लूटाते , दर्द अपने में समेट लेते हैं
लेकिन बच्चों पर कभी मुसीबत ना आने देते
पिता का प्यार वही है
लेकिन बदला रूप अब बच्चों ने
भेजने लगे हैं पिता को
वृद्धाश्रम