उदयपुर (डॉ. मुनेश अरोड़ा) – "मेरे पिताजी का सपना था कि भारत का युवा नौकरी देने वाला हो, लेने वाला नहीं," यह बात जे.के. संगठन के उपाध्यक्ष और सर पदमपत सिंघानिया विश्वविद्यालय (एसपीएसयू) के कुलाधिपति निधिपति सिंघानिया ने विशेष साक्षात्कार में कही। उन्होंने बताया कि उनके पिताजी युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने व्यावसायिक कोर्स शुरू किए। वर्तमान में भारत में उच्च डिग्री होने के बावजूद कई युवा कम वेतन पर काम करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। सिंघानिया ने बताया कि उनके पिताजी का उद्देश्य उच्च स्तरीय शिक्षा और आत्मनिर्भरता का विकास करना था ताकि युवा खुद रोजगार के साधन बन सकें।
सिंघानिया ने यह भी बताया कि उनके पिताजी के सपने के अनुरूप कानपुर में आगामी डेढ़ साल में एक मेडिकल कॉलेज शुरू होने जा रहा है, जिसमें उच्च स्तर के डॉक्टर तैयार किए जाएंगे। आईआईटी कानपुर के सहयोग से इस कॉलेज में नवीनतम तकनीक और चिकित्सा उपकरणों का विकास किया जाएगा ताकि मानव स्वास्थ्य की ज़रूरतों को बेहतर तरीके से पूरा किया जा सके।
उन्होंने यह भी बताया कि एसपीएसयू की स्थापना के समय कई देशों के साथ समझौते किए गए थे ताकि यहां पढ़ने वाले छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा का लाभ भारत में ही मिल सके। एसपीएसयू का उद्देश्य छात्रों को वैश्विक शैक्षिक माहौल से जोड़ना है, और इस दिशा में निधिपति सिंघानिया और विश्वविद्यालय का पूरा स्टाफ प्रयासरत हैं। इस कार्य में उनके दोनों पुत्र भी सहयोग कर रहे हैं।
सर पदमपत सिंघानिया विश्वविद्यालय जल्द ही स्पोर्ट्स मैनेजमेंट और अन्य विशेष कोर्स शुरू करने की योजना बना रहा है। इस समय जे.के. संगठन देश के बारह से अधिक स्थानों पर शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहा है। सिंघानिया ने बताया कि छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ने के साथ-साथ विश्वविद्यालय में होस्टल और अन्य सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। छात्रों को विश्व स्तरीय शिक्षा का लाभ मिले, इसके लिए विश्वविद्यालय लगातार प्रयास कर रहा है। इस बार विश्वविद्यालय में नामांकन की संख्या में काफी वृद्धि हुई है और आगे भी नए कोर्सेज लाने पर विचार किया जा रहा है।
विश्वविद्यालय का एकमात्र उद्देश्य है कि छात्र आत्मनिर्भर बनें और उन्हें अपने करियर में अग्रणी बनने के लिए आवश्यक शिक्षा और कौशल प्रदान किया जा सके।