GMCH STORIES

राजस्थान की सभी सात सीटों पर जीत की उम्मीद में आत्म विश्वास से लबरेज हैं भाजपा 

( Read 1778 Times)

08 Nov 24
Share |
Print This Page

राजस्थान की सभी सात सीटों पर जीत की उम्मीद में आत्म विश्वास से लबरेज हैं भाजपा 

राजस्थान में हो रहे सात विधानसभा सीटों के उप चुनाव की तिथियाँ ज्यों ज्यों नजदीक आ रही हैं चुनाव प्रचार में भी तेजी आ रही हैं और भाजपा, कांग्रेस तथा क्षेत्रीय दलों का चुनाव जीतने का दावा भी मजबूत हो रहा है। हकीकत में चुनाव प्रचार के मामले में भारतीय जनता पार्टी सबसे आगे है और उसका चुनाव प्रचार भी सबसे सुनियोजित ढंग से चल रहा हैं। 

मुख्यमंत्री भजन लाल उप चुनाव वाली सातों सीटों का एक बार दौरा कर चुके है और दूसरे दौर में एक बार फिर से सातों सीटों पर चुनाव प्रचार के लिए निकल पड़े हैं। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने अपनी और अपने सरकार की पूरी फौज की ताक़त लगा दी हैं। दरअसल मुख्यमन्त्री शर्मा ने लोकसभा चुनाव में भाजपा को 11 लोक सभा सीटों  पर मिली हार के बाद इस उप चुनाव को अपनी प्रतिष्ठा बना लिया हैं। वैसे इस उप चुनाव के परिणामों से सरकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला हैं क्योंकि सरकार के पास पहले से ही बहुमत हैं। यह उप चुनाव पाँच विधायकों के सांसद बनने और दो विधायकों के निधन होने से हो रहें हैं। उप चुनाव वाली सात सीटों पर भाजपा के पास मात्र एक सीट सलूंबर ही थी लेकिन  विधायक अमृत लाल मीणा के स्वर्गवास होने से इस सीट को जीतने के अलावा जितनी भी सीटें बीजेपी जीतेंगी वह उसके लिए बोनस ही होगा। जबकि कांग्रेस के सामने अपनी चार सीटें और क्षेत्रीय दलों आरएलपी और भारतीय आदिवासी पार्टी (बाप) के सामने अपनी एक एक सीट जीतने की चुनौतियाँ हैं। 

उप चुनाव की घोषणा के बाद लग रहा था कि भाजपा सात सीटों में से अपनी एक सीट सलूंबर को बचा लें तो बड़ी बात होंगी लेकिन ज्यों ज्यों  चुनाव प्रचार आगे बढ़ रहा है तो लग रहा है कि भाजपा को प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी होने का लाभ मिलने के साथ ही प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के नारे केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार की कड़ी से कड़ी जोड़ने का असर भी दिख रहा हैं।वैसे यह धारणा बनी हुई है कि उप चुनाव में सत्ताधारी दल को अतिरिक्त लाभ मिलता है। इसका कारण छोटे से बड़े काम विशेष कर विकास कार्यों में लाभ मिलना खास बात बताई जाती हैं। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि राजस्थान की सात सीटों में से अधिकांश सीटों पर सत्ताधारी पार्टी भाजपा बढ़त बना चुकी है। डूंगरपुर जिले की चौरासी सीट और झूँझुनूँ सीट को छोड़ कर बाकी सीटों पर भाजपा अपनी स्थिति बेहतर बताई जा रही हैं।भाजपा का दाँवा है कि सलूम्बर के साथ ही दौसा,डूंगरपुर जिले की चौरासी,टोंक जिले की उनियारा देवली,अलवर जिले की रामगढ़,नागौर जिले की खींवसर तथा झूँझुनूँ की सीटों पर भी भाजपा इस बार विजय पताका फहरा दें तों कोई आश्चर्य नहीं लेकिन कुछ राजनीतिक जानकारों का  मानना है कि चौरासी, झूँझुनूँ और खींवसर सीटों पर भाजपा का जीतना आसान नहीं हैं। फिर यदि सलूम्बर पर भाजपा सहानुभूति का फायदा उठा सकती हैं तो रामगढ़ पर पर कांग्रेस को क्यों नहीं यह लाभ मिलेगा भले ही भाजपा हिन्दू वोटों  का ध्रुवीकरण क्यों ना करने का प्रयास करें? वैसे राजनीतिक हलकों में कांग्रेस के प्रचार अभियान को लेकर काफ़ी चर्चा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को छोड़ कर कांग्रेस के दो बड़े नेता पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तथा उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट महाराष्ट्र तथा झारखण्ड के दौरे पर है तथा उनके शुक्रवार से प्रदेश में सक्रिय होने की उम्मीद हैं। कुल मिला कर कांग्रेस का चुनाव अभियान स्थानीय नेताओं के भरौसे से ही चल रहा हैं। क्षेत्रीय दलों के नेता हनुमान बेनीवाल और राजकुमार रोत ने भी अपनी पूरी ताक़त झोंक रखी हैं।

 

बावजूद इसके मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौर के साथ पुरी भाजपा राजस्थान की सभी सात सीटों पर जीत की उम्मीद में आत्म विश्वास से लबरेज हैं । देखना है राजस्थान के रण में इस बार कौन किस पर बाज़ी मारेगी?


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like