उदयपुर, 25 दिसंबर 2024: मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के संविदा और एस.एफ.एस. कर्मचारियों ने अपनी नियमितीकरण की मांग को लेकर एक बार फिर आवाज उठाई है। विश्वविद्यालय कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष नारायणलाल सालवी के नेतृत्व में पदाधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल आज सर्किट हाउस में माननीय राज्यपाल श्री गुलाबचंद कटारिया से मिला। प्रतिनिधिमंडल में दिनेश गुर्जर, सुनीता हिंगड़, साधना मेहता, भूडा राम, विवेक टांक, मनीष बंसल, भीमसिंह कितावत और प्रभुनाथ जैसे पदाधिकारी शामिल थे।
प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल महोदय को कर्मचारियों की समस्याओं से अवगत कराया और इनका शीघ्र समाधान निकालने के लिए निवेदन किया। कर्मचारियों ने बताया कि विश्वविद्यालय में 327 संविदा कर्मचारी हैं, जिनमें से 50 कर्मचारी 10 से 15 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें स्थाई नियुक्ति नहीं मिल पाई है। इस समस्या के समाधान के लिए उन्होंने राज्यपाल से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया।
राज्यपाल श्री कटारिया ने प्रतिनिधिमंडल की समस्याओं को गंभीरता से सुनते हुए मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री वर्दीचंद गर्ग से तुरंत वार्ता की और निर्देश दिया कि कर्मचारियों की समस्याओं का शीघ्र निराकरण किया जाए।
जयपुर में उच्च अधिकारियों और मंत्रियों से मुलाकात
नियमितीकरण की मांग को लेकर विश्वविद्यालय कर्मचारी संगठन का प्रतिनिधिमंडल संरक्षक श्री प्रतीक सिंह राणावत और अध्यक्ष नारायणलाल सालवी के नेतृत्व में जयपुर पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल में दिनेश गुर्जर, मोहम्मद युनुस, सूर्यप्रकाश, भूडा राम, मनीष बंसल सहित अन्य पदाधिकारी शामिल थे।
जयपुर में प्रतिनिधिमंडल ने उपमुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री श्री प्रेमचंद बैरवा से मुलाकात की। कर्मचारियों ने अपनी समस्याओं को विस्तार से बताते हुए अनुरोध किया कि विश्वविद्यालय में एजेंसी लागू न की जाए और नियमितीकरण की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू हो। श्री बैरवा ने आश्वासन दिया कि कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए एजेंसी लागू नहीं की जाएगी और उनकी समस्याओं का समाधान निकाला जाएगा।
इसके बाद, प्रतिनिधिमंडल ने प्रोफेसर मंजू बाघमार, जो कि पीडब्ल्यूडी और बाल विकास विभाग की राज्य मंत्री हैं, से भी मुलाकात की। मंत्री महोदया ने कर्मचारियों की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना और समाधान में हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया
प्रतिनिधिमंडल ने कैबिनेट मंत्री श्री बाबूलाल खराड़ी से भी मुलाकात की, जो जनजातीय क्षेत्रीय विकास विभाग का प्रभार संभालते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत को कर्मचारियों की समस्याओं का ज्ञापन फॉरवर्ड किया और शीघ्र समाधान के लिए आश्वासन दिया।
कर्मचारी संगठन का कहना है कि लंबे समय से विश्वविद्यालय प्रशासन और राज्य सरकार द्वारा उनकी मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है। कर्मचारियों ने स्पष्ट किया कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान जल्द नहीं हुआ तो उन्हें बड़े आंदोलन का सहारा लेना पड़ेगा।
संविदा कर्मचारियों की समस्याएं और मांगें
मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के संविदा कर्मचारियों की समस्याएं वर्षों पुरानी हैं। 2004 में शुरू हुई नियुक्ति प्रक्रिया के तहत कर्मचारियों को स्थिर वेतन और सेवा सुरक्षा का भरोसा दिया गया था, लेकिन आज तक नियमितीकरण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है।
2022 और 2023 में राज्य सरकार द्वारा स्क्रीनिंग प्रक्रिया और संविदा कर्मचारियों के स्थायीकरण को लेकर निर्देश जारी किए गए थे। हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन निर्देशों को पूरी तरह लागू नहीं किया। इससे कर्मचारियों के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
सुझाव और समाधान
कर्मचारियों ने मांग की है कि राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन उनके दीर्घकालिक सेवाओं का मान रखते हुए शीघ्र नियमितीकरण प्रक्रिया शुरू करें। इसके अलावा, कर्मचारियों ने अपील की है कि मुख्यमंत्री द्वारा बजट भाषण 2023 में की गई घोषणाओं को प्राथमिकता दी जाए और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा स्क्रीनिंग कमेटी के निर्णयों को लागू किया जाए।
कर्मचारी संगठन का कहना है कि यदि शीघ्र समाधान नहीं हुआ, तो उनकी स्थिति और भी खराब हो सकती है, जिससे उनके परिवारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविद्यालय प्रशासन से अपनी जिम्मेदारी निभाने और कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान निकालने की पुरजोर अपील की है।