उदयपुर के विश्व प्रसिद्ध शिल्पग्राम महोत्सव का शुभारंभ शनिवार शाम राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ किशनराव बागडे ने किया। मुक्ताकाशी मंच पर आयोजित इस समारोह में राज्यपाल ने कहा, "लोक कलाएं जीवन का उजास और सामूहिक चेतना हैं।" महाराणा प्रताप का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा, "इस वीर सपूत ने मेवाड़ की भूमि को वंदनीय बनाया और भारतीय संस्कृति को मिटाने आए मुगलों को सफल नहीं होने दिया।"
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के तत्वावधान में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (डब्ल्यूजेडसीसी) द्वारा आयोजित यह महोत्सव 21 से 30 दिसंबर 2024 तक चलेगा। राज्यपाल ने परंपरागत नगाड़ा बजाकर और दीप प्रज्वलन कर महोत्सव का उद्घाटन किया। इस अवसर पर सांसद मन्नालाल रावत और विधायक फूल सिंह मीणा भी मौजूद रहे।
डब्ल्यूजेडसीसी के निदेशक फुरकान खान ने अतिथियों का स्वागत किया और शिल्पग्राम महोत्सव की विस्तृत जानकारी दी। राज्यपाल ने शिल्पग्राम को देश की विभिन्न संस्कृतियों को एक सूत्र में पिरोने वाला मंच बताया और महोत्सव के सफल आयोजन के लिए टीम को शुभकामनाएं दीं।
उद्घाटन दिवस पर ‘रिद्म ऑफ इंडिया म्यूजिकल सिंफनी’ में 50 से अधिक वाद्य यंत्रों पर कलाकारों की धुनों ने दर्शकों का मन मोह लिया। वहीं, ‘कलर्स ऑफ इंडिया’ के तहत 225 कलाकारों के सामूहिक नृत्य ने समां बांध दिया।
समारोह में राज्यपाल ने डॉ. कोमल कोठारी लाइफटाइम अचीवमेंट लोक कला पुरस्कार से डॉ. रूप सिंह शेखावत (भवाई नृत्य) और गणपत सखाराम मसगे (कठपुतली व चित्रकला) को सम्मानित किया। पुरस्कार स्वरूप ₹2.51 लाख और रजत पट्टिका प्रदान की गई।
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत रविवार को महोत्सव का दौरा करेंगे।
रविवार से शुरू होने वाले ‘हिवड़ा री हूक’ कार्यक्रम में संगीत प्रेमियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा। इसके साथ ही सांस्कृतिक प्रश्नोत्तरी में सही उत्तर देने वालों को ‘शिल्पग्राम मोमेंटो’ से नवाजा जाएगा।