उदयपुर के प्रसिद्ध सूक्ष्म पुस्तिका शिल्पकार चंद्र प्रकाश चित्तौड़ा ने हाल ही में विभिन्न महत्वपूर्ण अवसरों पर अपनी कला के जरिए जागरूकता फैलाने और श्रद्धांजलि देने का अनूठा प्रयास किया है।
1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के अवसर पर, उन्होंने लाल मोतियों और चाक से आकृतियां बनाईं और 1.5 इंच की सूक्ष्म पुस्तिका तैयार कर एड्स के प्रति जागरूकता जगाई।
2 दिसंबर को लोक देवता ओम बन्ना की पुण्यतिथि पर उनकी जीवनी और प्रेरणादायक जीवन पर आधारित एक लघु पुस्तिका बनाई।
3 दिसंबर को डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर सवा बाई 1 इंच की सूक्ष्म पुस्तिका में उनकी शिक्षाओं और सादगीपूर्ण जीवन का चित्रण किया। इसी दिन अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर दिव्यांगों के हितों और उद्देश्यों पर आधारित दो पुस्तिकाएं भी बनाई गईं।
4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस के अवसर पर नौसेना के इतिहास और योगदान पर आधारित सूक्ष्म पुस्तिका का निर्माण किया।
6 दिसंबर को डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर उनकी जीवन यात्रा और संविधान निर्माण में उनके योगदान को प्रदर्शित करती सूक्ष्म पुस्तिका बनाकर श्रद्धांजलि दी।
चित्तौड़ा की ये कृतियां न केवल उनकी कला के प्रति समर्पण को दर्शाती हैं बल्कि जागरूकता और सम्मान की भावना को भी प्रकट करती हैं।